खुले में शौच जाना आज भी गम्भीर समस्या: अखिलेश
स्वच्छता और पर्यावरण पर विशेष ध्यान दे रही है राज्य सरकार: मुख्यमंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छता तथा पर्यावरण पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि ‘क्लीन यूपी, ग्रीन यूपी’ का सपना साकार हो सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम अपनी साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देते हैं, उसी प्रकार हमें अपने घरों, गांवांे, मजरों, शहरों इत्यादि की सफाई पर भी ध्यान देना होगा। हमारे स्वास्थ्य एवं प्रगति के लिए स्वच्छ पर्यावरण अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने शौच इत्यादि से सम्बन्धित अपनी आदतों को बदलते हुए पर्यावरण को साफ रखने की जोरदार वकालत की।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज होटल ताज विवान्ता में आयोजित ‘व्यवहार परिवर्तन-स्वच्छता हेतु परिवर्तन दूत का सृजन’ (चेन्जिंग माइन्डसेट्स-क्रिएटिंग सैनिटेशन चेन्ज लीडर्स) कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि तमाम उपलब्धियों के बावजूद खुले में शौच जाना आज भी एक गम्भीर समस्या है। इसके चलते पीलिया, जे0ई0 आदि घातक रोग फैलते हैं। उन्होंने कहा कि घरों में शौचालय निर्मित कर उनका प्रयोग करने से इन गम्भीर रोगों से हम स्वयं को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बीमारियों से बचने में हाथ को साफ रखने पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, क्यांेकि अधिकतर बीमारियां हाथों के माध्यम से ही फैलती हैं।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छता और पर्यावरण की शुद्धता पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके मद्देनजर ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण की लागत 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 12 हजार रुपए कर दी गई है, ताकि इनके निर्माण में कोई दिक्कत न हो। इस कार्य के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 1533 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में शौचालयों के साथ-साथ स्नानगृहों के निर्माण के लिए 16 करोड़ रुपए की भी व्यवस्था की गई है।
कार्यक्रम को पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि स्वच्छ भारत तभी सम्भव है, जब देश की ढाई लाख पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो जाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में महिला समूहों की मदद ली जानी चाहिए।