मौत का सबब बनता जा रहा है यूपी में शराब का अवैध कारोबार: बीजेपी
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अखिलेश सरकार के गठन के बाद से राज्य में तेजी से फल-फूल रहा अवैध शराब का कारोबार मौत का सबब बनता जा रहा है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा हर घटना के बाद कठोर कार्यवाही के नाम पर निलम्बन और मुआवजे की घोषणा के अलावा राज्य सरकार अवैध शराब के कारोबार से जुड़े तंत्र पर कुठाराघात क्यों नहीं करती ? श्री पाठक ने आरोप लगाया कि अवैध शराब के कारोबार को अंजाम दे रहे लोगों की सत्ताशीर्ष से नजदीकियां के कारण मुख्यमंत्री की अवैध कारोबार में लिप्त लोगो के विरूद्ध निणयिक कार्रवाई की पहल नहीं कर रहे। सपाई शराब कारोबारियों की कठपुतली बन गये है।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर उन्नाव में जहरीली शराब से हुई मौतों पर दुःख व्यक्त व्यक्त करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अकेले उन्नाव में जहरीली शराब से होने वाली मौतो की यह तीसरी घटना है। अब-तक 16 लोगों की जान जा चुकी हैं हर घटना के बाद कठोर कार्यवाही के दावे शासन सत्ता द्वारा किये जाते है किन्तु सत्ता संरक्षण में पनप रहे अवैध शराब के कुटीर उद्योग को ध्वस्त किये जाने की कोई कठोर कार्यवाही होती नजर नहीं आती है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के मुबारकपुर में 26 लोगों की जहरीली शराब से मौते हुई। मौत के बाद आन-फानन में कठोर कार्यवाही के दावे भी किये गये किन्तु नतीजा सिफर रहा। आगरा, कौशाम्बी, भदोही, गोरखपुर, मुरादाबाद सहित दर्जनों जिलों में अवैध शराब के कारोबारी मौत का ये खेल आज भी बदस्तूर खेल रहे है।
उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास ही आबकारी विभाग है। चुनावी मैदान मंे शाम की दवाई सस्ती की बात करने वाले लोगो ने शराब मफियाओं के हाथों इस पूरे कारोबार को गिरवी रख दिया है। शराब मफिया अपने हिसाब से शीर्ष पदो से लेकर नीचे तक के तैनातियां अपनी मनमर्जी से कराते है यहां तक की राज्य का प्रमुख सचिव आबकारी कौन होगा यह यही सिंडीकेट तय करता है। यानि स्पष्ट है कि आबकारी विभाग का संचालन आबकारी सिंडीकेट ही अपरोक्ष रूप से कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस अवैध कारोबार से जहां सरकार को राजस्व की हानि होती है, वहीं जहरीली शराब पीने से लोग बेमौत मर रहे हैं। अवैध शराब के कारोबारियों ने प्रदेश में समानान्तर अर्थव्यवस्था बना रखी है। राज्य में वैध शराब अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे मंहगी है। सस्ती और आसानी से उपलब्ध होने के कारण गरीब तबका अवैध शराब के कुटीर उद्योगों में बन रही अवैध शराब के भरोसो काम चलाता है, नतीजा राज्य में जहरीली शराब से मौत के आकड़े लगातार बढ़ते ही जा रहे है।
श्री पाठक ने कहा कि दोषियों को दण्डित किये जाने की फौरी घोषणाओं की बजाय, इस कारोबार को कुटीर उद्योग के रूप में पनपा रहे लोगो पर शिकंजा कसा जाना चाहिए। इस कारोबार को फलने-फूलने में लिप्त राजनैतिक लोगो को चिन्हित कर कठोर कार्यवाही की जाये। गरीब आमजन पर अपनी जाबांजी का प्रदर्शन करती अखिलेश की पुलिस का इन अवैध शराब के कारोबारियों से गठजोड़ कैसे टुटे इसके योजनापूर्ण प्रयास हो।