बातचीत में हुर्रियत कोई पक्ष नहीं हो सकता:सुषमा
नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान एनएसए वार्ता पर पाकिस्तान को जवाब देते हुए भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि भारत-पाक के बीच हर बातचीत वार्ता नहीं होती। हर वार्ता का एक संदर्भ होता है। कंपोजिट डायलॉग ही वार्ता है। बाकी बातचीत साधारण बातचीत होती है। एनएसए स्तर पर बातचीत सिर्फ आतंकवाद पर ही होगी। आतंकवाद पर बातचीत के बाद ही दूसरे विषयों पर बात होगी। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज आना चाहते हैं तो आएं, पर बातचीत में तीसरा पक्ष मंजूर नहीं। हुर्रियत कोई पक्ष नहीं हो सकता।
सुषमा ने पाकिस्तान के एनएसए आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। लेकिन उन्हें यह स्वीकार करना होगा कि इस वार्ता का मुद्दा केवल आतंकवाद तक सीमित होगा, एजेंडा का विस्तार नहीं होगा। उन्होंने कहा, भारत कोई पूर्व शर्त नहीं रख रहा है, केवल याद दिला रहा है कि अभी कश्मीर पर बातचीत नहीं होगी, अभी बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी जैसा कि उफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच तय हुआ है। उफा घोषणा में कश्मीर का कोई जिक्र नहीं है, शिमला समझौते और उफा की भावना का सम्मान करे पाकिस्तान।
उन्होंने कहा, अलटजी के समय में कंपोजिट डायलॉग शुरू हुआ। पहला कंपोजिट डायलॉग 1998 में शुरू हुआ। 2004 में पाकिस्तान से बातचीत शुरू हुई थी। कंपोजिट डायलॉग में 8 विषय तय हुए थे। कारगिल के बाद कंपोजिट डायलॉग रूक गया। उफा में कंपोजिट डायलॉग और रिज्यूम डायलॉग की बहाली नहीं हुई। एनएसए स्तर की वार्ता कंपोजिट डायलॉग या रिज्यूम्ड डायलॉग का हिस्सा नहीं है बल्कि यह उसका माहौल बनाने के लिए उफा में बनी सहमति का हिस्सा है। दोनों पीएम के बीच आंतकवाद पर बातचीत की सहमति बनी। सीमा के मुद्दे पर भी बातचीत की सहमति बनी। उफा के बाद पाकिस्तान में नवाज शरीफ की आलोचना शुरू हुई। उफा के 13 दिन बाद पाकिस्तान को प्रस्ताव भेजा गया। प्रस्ताव पर पाकिस्तान 22 दिन तक चुप रहा। डीजीएमओ स्तर की बातचीत पर अब तक जवाब नहीं आया। उफा से लेकर अब तक 91 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ। उफा में बातचीत के बाद तनाव कम करने की बजाए पाकिस्तान ने भारत में गुरदासपुर हमले सहित आतंकवाद की गतिविधियों को बढ़ावा दिया। पाकिस्तान पहले से ही एनएसए बातचीत टालने के मूड में है। हम पर पाकिस्तान से बातचीत रद्द करने का दबाव था।
आज इससे पहले भारत के पाले में गेंद दोबारा डालते हुए पाकिस्तान ने आज कहा कि वह बिना किसी शर्त के एनएसए स्तरीय वार्ता के लिए तैयार है। हालांकि इस बैठक के होने की संभावना कम ही दिख रही है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभाल से वार्ता के लिए कल भारत आने वाले पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने इस्लामाबाद में आज एक प्रेस वार्ता में कहा कि वह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत यात्रा के लिए तैयार हैं, लेकिन बिना किसी शर्त के।
नई दिल्ली में आने पर उनके कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से नहीं मिलने के भारत सरकार के रूख की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान उच्चायोग में कल होने वाले स्वागत समारोह में मेहमानों की सूची को नियंत्रित करने जैसा है। अजीज ने कहा कि वार्ता रद्द किए जाने की किसी भी पक्ष से पुष्टि किया जाना अभी बाकी है। ऐसे में, हम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बिना किसी शर्त के जाने के लिए तैयार हैं। इस तथ्य को देखते हुए कि भारत के अपने इस रूख में कोई बदलाव करने की संभावना नहीं है कि अलगाववादी हुर्रियत की भारत-पाक वार्ता में कोई भूमिका नहीं, एनएसए स्तरीय वार्ता होने की बहुत कम उम्मीद है।
एक सवाल के जवाब में अजीज ने कहा, वार्ता की मेज पर पाकिस्तान, भारत के साथ सभी मुद्दों का समाधान करने की इच्छा रखता है, लेकिन मुख्य मुद्दे कश्मीर पर चर्चा किए बिना भारत के साथ कोई गंभीर वार्ता संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने तीन बिंदुओं वाला एजेंडा तैयार किया है जिसमें आतंकवाद, उफा में किए गए निर्णयों पर प्रगति और कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा शामिल है।