विधानसभा में विपक्ष और प्रेस पर बरसे मुख्यमंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को विधानसभा में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर दो घंटे की चर्चा का विपक्ष को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हम न मजबूर हैं, न कमजोर हैं और न ही भोले हैं। हम भी चाहते हैं कि कानून व्यवस्था के दम पर सरकार की छवि बने। कानून व्यवस्था के मोर्चे पर अभी और काम करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा, टीवी और अखबारों की खबरों पर मत जाइए। हम जानते हैं टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज में क्या दिखाया जाता है और अखबारों में क्या लिखा जाता है? वे प्रेस के चक्कर में न पड़ें। लोकतंत्र में जनता तय करेगी। उन्होंने इस बात पर अपनी पीड़ा फिर जाहिर की कि उनकी सरकार का अच्छा काम टीवी पर नहीं दिखाया जाता। टीवी पर कानून व्यवस्था को कैसे ब्रेकिंग न्यूज के रूप में दिखाया जाता है, वे जानते हैं। एक अपराध होने पर उनकी फोटो तीन-तीन बार दिखाई जाती है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में 50 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। इस मामले में उन्होंने पीड़ितों के परिवारों की मदद की और दोषियों पर कार्रवाई भी की लेकिन उनकी फोटो टीवी पर दिखाई गई। जबकि एक अन्य राज्य में सौ लोग मर गए लेकिन किसी ने वहां के सीएम की फोटो नहीं दिखाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार तीन मोर्चों पर काम कर रही है। पहला है बुनियादी सुविधाएं कैसे बेहतर हों? दूसरा गरीब, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याण के लिए काम किया है। कानून व्यवस्था पर भी काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की गति तीन-साढ़े तीन साल में काफी तय की है। सरकार की अन्य उपलब्धियां भी हैं। उन्होंने कहा कि किसी महिला, बेटी या छात्रा के साथ कोई घटना होती है, उन्हें भी दु:ख होता है लेकिन इन घटनाओं पर कार्रवाई भी होती है। तमाम घटनाओं में पुलिस ने अच्छा काम किया है। कई घटनाओं के मामले में सरकार ने अपने स्तर पर फैसले लेकर कार्रवाई की है। हम आंकड़े नहीं देंगे, हमारी कोशिश है कि काम करें।
कन्नौज की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में दोनों परिवार एक दूसरे से पहले से परिचित थे। मथुरा में मूर्ति चोरी गयी। कुछ लोग धरने पर बैठ गए। बाद में तीन माह बाद मामला खुला तो धरने पर बैठने वाले ही मूर्ति चोरी में शामिल निकले लेकिन उनकी सरकार को तीन माह तक बदनाम किया। इसी तरह फैजाबाद में मूर्ति चोरी में कौन लोग थे, सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि एक गरीब उनके पास आया और कहा कि उसके पास फोन आता था कि इतने पैसे जमा करा दो, इतने पैसे मिलेंगे। इस तरह उसने पांच लाख रुपए जमा करा दिए। उन्होंने फोन नंबर पूछा, पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार करके गरीब के पांच लाख वापस कराए। इस तरह पुलिस अच्छा और बुरा दोनों काम करती है। एक कहीं कोई घटना हो जाए तो पूरी पुलिस खराब नहीं हो सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 92 फीसदी मामले जर, जोरू और जमीन के होते हैं। शाहजहांपुर में पत्रकार जुगेंद्र मामले में कहा कि हमारी पार्टी में दो राममूर्ति वर्मा हैं। एक के खिलाफ खबर निकल रही थी, दूसरे परेशान हो रहे थे। वे इस मामले में परिवार वालों से मिले और कहा निष्पक्ष कार्रवाई होगी। हमीरपुर मामले में कायस्थ समाज के लोग मिले तो उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की। अफसरों को सस्पेंड किया।
उन्होंने कहा कि वे इस काम में लगे हैं कि कैसे पुलिसिंग के को बेहतर बनाया जाए। पुलिस का कैसे मनोबल बढ़े। अच्छा काम करने वालों को शाबाशी दे रहे हैं। पुलिस सही समय पर घटना स्थल पर पहुंचे, इस पर ध्यान दे रहे हैं। एफआईआर लिखी जाए, इसके लिए भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जब एम्बूलेंस 15-20 मिनट में पहुंच सकती है, तो पुलिस क्यों नहीं पहुंच सकती। इसके लिए डायल 100 को बेहरतर बनाया जा रहा है। अभी एक हजार गाड़ियां दी हैं। अगले बजट में चार हजार गाड़ियां देंगे। जीपीएस सिस्टम लगा होगा। देश में सबसे बेहतर सेवा डायल 100 यूपी में होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के बाद राजनीति होती है। भाजपा घटना का रूप बदलने में माहिर है। सीतापुर में क्या हुआ? वहां अफसरों को भी चोटें आईं। अब तो कोर्ट का आदेश भी आ गया। भाजपा क्यों डीजे चाहती है? भजन क्यों नहीं सुनते? हम भी भजन सुनते हैं, हालांकि हमारी भजन सुनने की उम्र नहीं और आपकी डीजे सुनने की उम्र नहीं । डीजे नचाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस लोगों से अच्छा व्यवहार करे, इसकी ट्रेनिंग होनी चाहिए। क्योंकि नए तरीके से अपराध भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी स्तर पर कोई हस्तक्षेप नहीं है। सरकार के संज्ञान में जो भी घटनाएं लाई गई हैं, सबमें कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सदन के सदस्य कानून व्यवस्था के मुद्दे पर यूपी को बदनाम होने से बचाएं।