स्पिनरों के आगे क्यों घुटने टेकते हैं हम?
नई दिल्ली: गॉल टेस्ट मैच में रंगना हेराथ के जादू के सामने भारत ने 112 रनों पर ही घुटने टेक दिए। जो देश अपने स्पिन गेंदबाज़ों और स्पिन के खिलाफ़ कामयाब बल्लेबाज़ों के लिए जाना जाता रहा है, वो श्रीलंकन स्पिन गेंदबाज़ों के सामने इस तरह बेबस नज़र आएगा ये किसी ने सोचा भी नहीं था। मैच के बाद ज़ाहिर है कप्तान का गुस्सा अपने बल्लेबाज़ों पर तो फूटना ही था। मीडिया से बात करते हुए कोहली ने कहा ‘ टीम में हर कोई निराश है। हमारी बल्लेबाज़ी ही हमारी ताकत है और अब कोई बहाना भी नहीं बनाना चाहिए।’
ये पहली बार नहीं है कि भारत ने पिछले कुछ सालों में स्पिन गेंदबाज़ों के सामने खराब खेल दिखाया हो। 2012 में भारत की पिचों पर मौंटी पानेसर और ग्रेम स्वान की जोड़ी ने सीरीज़ में 37 विकेट चटकाए। 2014 में भारत इंग्लैंड गई तब मोइन अली ने भारत के बल्लेबाज़ों के स्पिन के खिलाफ़ कमज़ोरी का फायदा उठाया और सीरीज़ में 19 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर नेथन लॉयन ने 23 विकेट लेकर फिर स्पिनरों के खिलाफ़ भारत की पोल खोली।
जब से कोहली कप्तान बने हैं तब से आक्रामकता की बातें हर बार करते हैं। यहां भी वो इस समस्या का यही समाधान मानते हैं। कोहली की मानें तो स्पिन गेंदबाज़ों के खिलाफ़ बेखौफ़ होकर खेलने की ज़रूरत है जो इस वक्त बल्लेबाज़ नहीं कर रहे।
मिशन श्रीलंका में भारत का अगला टेस्ट मैच 20 तारीख से शूरू होने वाला है। विराट अभी तक चार मैचों में भारत की कप्तानी कर चुके हैं, लेकिन अभी भी उन्हें अपनी पहली जीत का इंतज़ार है। अब देखना होगा कि कोलंबो में कोहली का ये इंतज़ार खत्म होता है या नहीं।