विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में साइना
जकार्ता : ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल आज विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनी और इसके साथ ही उन्होंने कम से कम रजत पदक सुनिश्चित कर लिया।
दुनिया की दूसरे नंबर की भारतीय खिलाड़ी साइना ने महिला एकल सेमीफाइनल में इंडोनेशिया की लिंदावेनी फानेत्री को 21-17, 21-17 से हराया जो दायें घुटने की चोट से जूझ रही थी। विश्व चैम्पियनशिप के रविवार को होने वाले खिताबी मुकाबले में आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप का दोहराव होगा जब साइना गत चैम्पियन और दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मारिन से भिड़ेंगी।
विश्व चैम्पियनशिप में यह भारत का पांचवां पदक होगा। इसे पहले पीवी सिंधू ने 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीता था जबकि ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी भी 2011 में कांस्य पदक जीतने में सफल रही थी। विश्व चैम्पियनशिप में भारत के लिए पहला पदक 1983 में दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने कांस्य पदक के रूप में जीता था।
साइना और लिंदावेनी के बीच यह मुकाबला काफी कड़ा रहा और दोनों खिलाड़ियों के बीच लंबी रैली देखने को मिली। पहले गेम मे लिंदावेनी ने 6-2 की बढ़त बनाई। घुटने में पट्टी बांधकर खेल रही इंडोनेशियाई खिलाड़ी ने 7-6 के स्कोर पर घुटने में दर्द के बाद डाक्टर की सहायता भी ली।
साइना ने 9-9 के स्कोर पर बराबरी हासिल की और फिर लिंदावेनी के शाट बाहर मारने पर बढ़त बनाई। साइना ने मध्यांतर तक 11-10 की बढ़त बनाई जिसे उन्होंने 15-12 तक पहुंचाया। लिंदावेनी ने 15-15 के स्कोर पर बराबरी की लेकिन साइना ने 18-16 के स्कोर पर बढ़त बना कर ली। साइना ने 19-17 के स्कोर पर लगातार दो अंक के साथ पहला गेम अपने नाम किया।
लिंदावेनी अपने घुटने को लेकर काफी परेशान थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे गेम में भी 4-3 की बढ़त बनाई। साइना ने जब भी गेम में बढ़त बनाई लिंदावेनी ने बराबरी हासिल कर ली। इंडोनेशिया खिलाड़ी ने 6-6 और 10-10 के स्कोर पर बराबरी हासिल की। साइना ने मध्यांतर तक फिर 11-10 की बढ़त बनाई। करीबी मुकाबले में साइना ने 18-17 की बढ़त बनाई। लिंदावेनी ने इसके बाद शाट बाहर मारकर साइना की झोली में जीत डाल दी।