गाले टेस्ट के पहले दिन अश्विन का छक्का
भारत का ठोस जवाब, दो विकेट पर 128 रन बनाये
गाले : ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के विदेशी सरजमीं पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और कप्तान विराट कोहली के बीच नाबाद शतकीय साझेदारी की बदौलत भारत ने आज यहां पहले क्रिकेट टेस्ट में श्रीलंका को पहली पारी में 183 रन पर ढेर करने के बाद दो विकेट पर 128 रन बनाकर शुरुआती दिन अपना पलड़ा भारी रखा। अश्विन ने श्रीलंकाई सरजमीं पर किसी भारतीय गेंदबाज की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 46 रन देकर छह विकेट चटकाए जिससे मेजबान टीम 49.4 ओवर में ही ढेर हो गई। अमित मिश्रा ने अश्विन का अच्छा साथ निभाते हुए 20 रन देकर दो विकेट हासिल किए।
श्रीलंका की ओर से कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने सर्वाधिक 64 रन की जुझारू पारी खेली। उनके अलावा विकेटकीपर दिनेश चांदीमल (59) की टिककर बल्लेबाजी कर पाए। मैथ्यूज और चांदीमल ने उस समय छठे विकेट के लिए 79 रन की साझेदारी भी की जब टीम 60 रन पर पांच विकेट गंवाने के बाद संकट में थी।
भारत ने इसके जवाब में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (नाबाद 53) और कप्तान विराट कोहली (नाबाद 45) के बीच तीसरे विकेट की 100 रन की अटूट साझेदारी की बदौलत मैच पर पकड़ मजबूत कर ली। धवन ने 103 गेंद की अपनी पारी में छह चौके जड़े हैं जबकि कोहली की 77 गेंद की पारी में सात चौके शामिल हैं। मेहमान टीम अब श्रीलंका से सिर्फ 55 रन से पीछे है जबकि उसके आठ विकेट शेष हैं।
भारत की शुरुआत भी हालांकि अच्छी नहीं रही और उसने 10वें ओवर में 28 रन तक ही सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (07) और रोहित शर्मा (09) के विकेट गंवा दिए थे। राहुल को तीसरे ओवर की अंतिम गेंद पर धम्मिका प्रसाद ने पगबाधा आउट किया। रोहित क्रीज पर बिलकुल भी सहज नजर नहीं आए। नौवें ओवर में प्रसाद ने उन्हें भी पगबाधा आउट कर दिया लेकिन यह गेंद नोबाल निकली। रोहित हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाए और अगले ओवर में मैथ्यूज की सीधी गेंद को चूककर पगबाधा आउट हो गए।
धवन 28 रन के निजी स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब आफ स्पिनर थारिंडु कौशल की गेंद पर स्लिप में मैथ्यूज ने उनका कैच टपका दिया। कोहली ने कौशल को विशेष तौर पर निशाने पर रखा उन पर चार चौके मारे। उन्होंने धवन के साथ मिलकर 27वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया।
धवन ने प्रदीप की गेंद पर एक रन के साथ 92 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। इससे पहले गाले अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की सूखी पिच पर टास जीतकर बल्लेबाजी करने का श्रीलंका का फैसला गलत साबित हुआ। टीम ने पहले सत्र में 23 ओवर में 65 रन जोड़कर पांच जबकि दूसरे सत्र में भी 26.4 ओवर में 118 रन जोड़कर पांच विकेट गंवाए। तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा (30 रन पर एक विकेट) ने पारी के सातवें ओवर में ही सलामी बल्लेबाज दिमुथ करूणारत्ने (09) को अजिंक्य रहाणे के हाथों गली में कैच करा दिया।
ईशांत के साथ नयी गेंद साझा कर रहे वरूण आरोन (68 रन पर एक विकेट) ने अगले ही ओवर में दूसरे सलामी बल्लेबाज कौशल सिल्वा (05) को भी पवेलियन भेज दिया। कौशल को इससे पहले आरोन की गेंद पर धवन ने पहली स्लिप में उस समय जीवनदान दिया था जब उन्होंने सिर्फ चार रन बनाए थे। कोहली ने 12वें ओवर में स्पिन गेंदबाजी आजमाई और अश्विन ने अपनी तीसरी ही गेंद पर कुमार संगकारा (05) को आउट कर दिया जो मौजूदा श्रृंखला के दूसरे टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहेंगे। बायें हाथ के अनुभवी बल्लेबाज संगकारा ने धीमी स्पिन होती गेंद पर सिली प्वाइंट पर राहुल को कैच थमाया।
अपना 50वां टेस्ट खेल रहे मैथ्यूज ही श्रीलंका के बल्लेबाजों में क्रीज पर सहज दिखे। उन्होंने चांदीमल के साथ मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की। चांदीमल को लंच के बाद पहले ही ओवर में पांच रन के निजी स्कोर पर इशांत की गेंद पर विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने जीवनदान दिया। बायें हाथ की कलाई में हल्की चोट के बावजूद खेल रहे मैथ्यूज ने 38वें ओवर में 77 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद उन्होंने चांदीमल के साथ 50 रन की साझेदारी भी पूरी की।
यह साझेदारी 42वें ओवर में टूटी जब मैथ्यूज ने अश्विन की गेंद पर शाट खेला जो उनके पैड से टकराने के बाद हवा में उछल गया और रोहित ने फारवर्ड शार्ट लेग पर दूसरे प्रयास में एक हाथ से शानदार कैच लपका। उन्होंने 92 गेंद की अपनी पारी में छह चौके और एक छक्का मारा। प्रसाद (00) सिर्फ छह गेंद खेलने के बाद अश्विन की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए जिससे इस आफ स्पिनर ने श्रीलंका की सरजमीं पर पहली बार और अपने करियर में 11वीं बार पांच या इससे अधिक विकेट लिए।
श्रीलंकाई सरजमीं पर इससे पहले किसी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हरभजन के नाम था जिन्होंने इसी मैदान पर जुलाई 2008 में 102 रन देकर छह विकेट चटकाए थे। हरभजन (17 रन देकर कोई विकेट नहीं) हालांकि आज कोई कमाल नहीं कर पाए। इससे पहले मेजबान टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम टेस्ट की तुलना में दो बदलाव करते हुए उपुल थरंगा की जगह संगकारा जबकि सुरंगा लकमल की जगह रंगना हेराथ को मौका दिया। भारत ने पांच गेंदबाजों के साथ उतरते हुए तीनों स्पिनरों को अंतिम एकादश में शामिल किया।