सोनिया पर अभद्र टिप्पणी के बाद लोकसभा में हंगामा
नई दिल्ली। आखिरकार विपक्ष लोकसभा में चर्चा के लिए तैयार हो गया है। लोकसभा में ललित मोदी प्रकरण पर नियम 61 के तहत कांग्रेस के कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। प्रश्नकाल के बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने ‘ललितगेट’ पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए ढाई घंटे का वक्त दिया है। वहीं संसद में भाजपा सांसद की ओर से सोनिया गांधी पर अभद्र टिप्पणी के बाद एक बार फिर से हंगामा हो गया। सोनिया गांधी ने भी साथी कांग्रेसी सांसदों के साथ आकर वैल में नारे लगाए। इसके चलते संसद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
चर्चा के दौरान कांग्रेस ने सरकार से सात सवाल किए: ललित मोदी पर ब्रिटेन से हुए कॉरसपॉन्डेंस को जारी क्यों नहीं किया गया?, ललित मोदी-सुषमा स्वराज और ब्रिटेन सरकार के बीच बातचीत के दस्तोवज जारी क्यों नहीं कर रहे?, भारत के बजाय यूके का पासपोर्ट क्यों दिया गया?, नया पासपोर्ट जारी करने का फैसला किसका था?, ललित मोदी ने भारत में जान का खतरा बताया था तो क्या सरकार ईडी के एक आरोपी को सुरक्षा नहीं दे सकती?, क्या भारत सरकार ने ब्रिटेन की सरकार को बताया कि ईडी का एक आरोपी पेश नहीं हो रहा है?, जब हाईकोर्ट ने ललित मोदी का पासपोर्ट बहाल कर दिया तो उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील क्यों नहीं की गई?
इससे पहले कांग्रेस ने ललित मोदी के मामले पर स्थगन प्रस्ताव पेश कर लोकसभा में चर्चा कराए जाने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया था। कांग्रेस के सांसदों ने चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के मौजूद रहने की भी मांग की थी। वहीं सदन में “पूंजीपतियों की सरकार नहीं चलेगी” के नारे भी लगाए। भारी हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गई थी। वहीं वैंकेया नायडू ने हाथ जोड़कर विपक्ष से संसद चलने देने की अपील की थी। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी कहा कि यदि सब चाहते हैं तो प्रक्रिया के अनुसार मुझे स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करना होगा, लेकिन यह प्रश्नकाल के बाद ही हो पाएगा। जिस पर कांग्रेस सांसदों ने जमकर हंगामा करते हुए कहा कि इस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए।
वहीं राज्यसभा में संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकबी ने कहा कि ये लोग चर्चा के लिए तैयार नहीं है। सिर्फ देश के विकास पर पलीता लगा रहे हैं। इन्हें देश कभी माफ नहीं करेगा। विपक्ष चर्चा करे सरकार जबाव देने के लिए तैयार है। वहीं जनता दल यूनाइटेड के शरद यादव ने कहा कि संसद चलाना या नहीं चलाना यह सदस्य तय करेंगे बाहर बैठे पूंजीपति इसका निर्धारण नहीं कर सकते हैं। बाहर के लोग यह नहीं कह सकते हैं कि संसद चलना चाहिए या नहीं चलना चाहिए।
इस पर सत्तापक्ष के सदस्य भड़क गए और नारेबाजी करने लगे। उधर कांग्रेस सदस्य भी नारेबाजी करते हुुए सदन के बीचाबीच आ गए। हंगामे के बीच सदन के नेता अरूण जेटली ने यादव की ओर मुखातिब होते हुए सवाल किया कि क्या आम आदमी भी यही चाहता है कि संसद नहीं चले। आप को जिन्होंने मतदान किया है क्या वे भी यही चाहते हैं जो आप कह रहे हैं। संसद नहीं चलने देने के लिए विपक्ष दोषी है।