मारन पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
सीबीआई के सामने तीन दिन में सरेंडर करने का आदेश
चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व टेलिकॉम मंत्री दयानिधि मारन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। भ्रष्टाचार के मामले में जांच के इस केस में अब दयानिधि मारन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि तीन दिनों के भीतर दयानिधि मारन सीबीआई के समक्ष सरेंडर करें।
सीबीआई ने डीएमके नेता दयानिधि मारन पर आरोप लगाया है कि बतौर दूरसंचार मंत्री मारन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए चेन्नई के अपने आवास पर अनधिकृत तौर पर टेलिफोन एक्सचेंज बनाया था।
सीबीआई का आरोप है कि सन टीवी जिसके मालिक मारन के भाई कलानिधि मारन हैं, को लाभ पहुंचाने के लिए सैकड़ों केबल्स का प्रयोग किया गया जिससे डाटा ट्रांसफर किया जाता है।
2007 में मारन के स्थान पर उनकी ही पार्टी के ए राजा टेलिकॉम मंत्री बनाए गए थे। राजा पर भी 2जी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा। राजा पर घूस लेकर मोबाइल नेटवर्क के लाइसेंस देने के आरोप लगे हैं जिसकी जांच जारी है।
मारन पर एक अन्य भ्रष्टाचार का आरोप भी है। इस आरोप में कहा जाता है कि उन्होंने बतौर मंत्री एयरसेल कंपनी के लाइसेंस को तब तक मंजूरी नहीं दी जब तक कंपनी ने वहां के लाइसेंस मलेशिया के एक कारोबारी को बेच नहीं दिए। इस मलेशियाई कारोबारी ने मारन के सन ग्रुप में काफी पैसा निवेश किया था।