शिक्षा व्यवहारपरक होनी चाहिए: प्रो0 एम0 एस0 सोढ़ा
महिला विद्यालय में ‘‘एप्रोच एण्ड इम्पलीमेनटेशन आफ न्यू बी0 एड0 स्लेबस 2015-17’’ विषय पर कार्यशाला आयोजित
लखनऊ । ‘‘शिक्षा का दायरा पाठयक्रम के बाहर भी हो, पढाई भले ही कम करें या ज्यादा मतलब शिक्षा व्यवहारपरक हो। बी0 एड0 की शिक्षा से अभ्यर्थियों का व्यक्तित्व विकास हो साथ ही साथ शिक्षा के विभिन्न माध्यमों से समाज कैसे लाभान्वित हो, महाविद्यालयों को बी0 एड0 पाठ्यक्रम के पाठन में स्वायत्तता मिलनी चाहिये एवं कार्ययोजना को क्रियान्वित करने का अधिकार महाविद्यालयों को स्थानीय परिस्थितियों के सापेक्ष स्वयं तय करना होगा। तभी बी0 एड0 का पाठयक्रम व्यवहारपरक बनेगा’’। उक्त विचार पदम्श्री प्रो0 एम0 एस0 सोढ़ा ने ‘‘एप्रोच एण्ड इम्पलीमेनटेशन आफ न्यू बी0 एड0 स्लेबस 2015-17’’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में व्यक्ति किये।
डा0 आर0 जे0 सिंह भूतपूर्व कुलपति काशी विद्यापीठ, भूतपूर्व संकाय एवं विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यशाला के मुख्य अतिथि रहे एवं अपने उद्बोधन में उन्होनें प्रो0 सोढ़ा के विचार एवं व्यक्तित्व को प्रेरणादायी बताते हुए स्वयं को सम्बद्ध करते हुए कहा कि पूर्व में बी0 एड0 का पाठयक्रम सुचारू रूप से लागू नही हो रहा है एवं यह व्यवहारिक भी नही था इसलिये दो वर्ष का पाठयक्रम नये कलेवर के साथ सकारात्मक सोच के साथ भविष्य के शिक्षकों के निर्माण हेतु कार्यरूप में लाने के लिये बनाया गया है, चुनौतियां भी है जिन्हें हम समय समय पर मिलकर सुलझायेंगे भी और आगे भी जायेंगे। उन्होनें नये बी0 एड0 पाठयक्रम को कार्यरूप में लागू करने पर बल दिया।
लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय की संकाय एवं विभागाध्यक्षा डा0 निधि बाला ने बी0 एड0 के नये पाठयक्रम में आ रही कठिनाईयों का उल्लेख करते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थित शिक्षा विभाग मंे आप सभी का निरन्तर स्वागत है आप आयें और पाठयक्रम के सम्बंध में आपकी जो भी जिज्ञासाये ंहै उनका समाधान होगा। प्रो0 वशिष्ठ निरन्तर इसी उद्देश्य के लिये उपलब्ध है ताकि एक सकारात्मक सोच के साथ नीति बना कर व्यवस्थित तरीके से बी0 एड0 के नये पाठयक्रम को कार्यरूप में लाया जा सके।
ज्ञातव्य हो कि इस वर्ष से सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में बी0 एड0 के शैक्षणिक कार्य में पाठ्यक्रम दो वर्ष का स्वीकृत किया गया है। महिला विद्यालय के बी0 एड0 विभाग द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय एवं उसके सभी सम्बद्ध/सहयुक्त महाविद्यालयों के शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिये नये बी0 एड0 पाठ्यक्रम पर एक दिवसीय चर्चा का आयोजन किया गया। उक्त एक दिवसीय कार्यशाला के खुले सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय की संकाय एवं विभागाध्यक्षा डा0 निधि बाला, डा0 रीना अग्रवाल, डा0 श्रवण कुमार, डा0 अर्चना अग्रवाल पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश ड़ाला। कार्यशाला में विभिन्न सत्रों में विषय विशेषज्ञ द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किये गये। सभी ने महिला विद्यालय के इस कार्यशाला आयोजन के प्रयास को सराहा।
तकनीकी सत्र में डा0 रीना अग्रवाल द्वारा पावरप्वाइन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से कार्यशाला में बताया कि हमारी सोच एवं क्रिया नये बी0 एड0 पाठयक्रम को लागू करने में कैसी हो ? उन्होनें बी0 एड0 शिक्षकों एवं भविष्य के शिक्षकों जो कि बी0 एड0 की शिक्षा प्राप्त कर आगे शिक्षक बनेंगे, को शिक्षा के सम्बंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये। डा0 अर्चना अग्रवाल द्वारा नये बी0 एड0 पाठयक्रम में अन्तरविषय शिक्षा व्यवस्था पर बल देते हुए कहा कि पाठयक्रम में अब कार्ययोजना का फील्ड में ज्यादा महत्व है। डा0 श्रवण कुमार द्वारा विद्यालय, समाज एवं शिक्षा में जुड़े सभी समूहों के सर्वांगीण एवं एकात्म प्रयासों पर बल देते हुए कहा कि हमें स्कूलों के पास जाना होगा। उन्होंने नये बी0 एड0 पाठयक्रम में प्रैक्टिस टीचिंग पर बल देते हुए इसमें अपेक्षित सुधारों के सूत्र भी कार्यशाला को प्रदान किये।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में पदम्श्री प्रो0 एम0 एस0 सोढ़ा, भूतपूर्व कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय, इंदौर विश्वविद्यालय, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय विशिष्ट अतिथि, डा0 आर0 जे0 सिंह भूतपूर्व कुलपति काशी विद्यापीठ, भूतपूर्व संकाय एवं विभागाध्यक्ष, शिक्षा संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र के कोषाध्यक्ष डा0 प्रेम कुमार रस्तोगी, विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी श्री सी0 एल0 श्रीवास्तव, डा0 अनुराधा शर्मा, डा0 प्रतिभा शुक्ला सहित लगभग 100 शिक्षकों/शिक्षिकाओं ने कार्यशाला में भाग लिया। प्राचार्या एवं कार्यशाला की संयोजिका डा0 सुप्रभा सहाय द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यालय के इतिहास एवं विषय की सामयिकता पर प्रकाश ड़ाला। कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलन एवं विद्यालय के कुलगीत से हुआ। कार्यशाला की आयोजन सचिव सुश्री आशा पाण्डेय, विभागाध्यक्ष, बी0 एड0 विभाग द्वारा अतिथियों का सम्मान करते हुए बी0 एड0 शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया एवं स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण भी वितरित किये गयंे। विद्यालय के बी0 एड0 विभाग की वरिष्ठ प्रवक्तागण डा0 रश्मि सोनी (समन्वयक) ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का संचलान करते हुए कार्यशाला के विषय का प्रतिपादन करते हुए कहा कि विद्यालय में बी0 एड0 विभाग वर्ष 1952 से कार्यरत् है एवं द्वितीय सत्र का संचालन डा0 रश्मि श्रीवास्तव (समन्वयक) द्वारा किया गया।