चीफ जस्टिस हिजाब पर अपनी टिप्पणी वापस लें: SIO
संवाददाता
लखनऊ । 24 जुलाई 2015 को भारत के मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू के द्वारा हिजाब पर की गई टिप्पणी स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इंडिया (SIO) यूपी सेंट्रल ने ज़ोरदार विरोध किया।
यूपी प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में हिजाब पर की गई टिप्पणी के विरोध में तय्यब अहमद बेग (अध्यक्ष, एसआईओ यूपी सेंट्रल) ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश की ड्रेस कोड पर टिप्पणी भारत की जनता की भावनाओ को ठेस पहुंचाती है। इस संदर्भ में एसआईओ उच्च स्तर पर हस्ताक्षर अभियान, राज्यपाल तथा राष्ट्रपति के नाम अपनी मांगों के आधार पर ज्ञापन सौंपेगी जिसमें संगठन मुख्य न्यायाधीश से अपनी टिप्पणी वापस लेने तथा माफी मांगने की मांग करेगी।
ज्ञात रहे कि हाल ही में AIPMT की परीक्षा में कई ऐसी घटनाएँ हुईं जिनमें एक ईसाई लड़की को उसके धार्मिक पहनावे के कारण परीक्षा हाल में बैठने की अनुमति नहीं दी गई, एक मुस्लिम छात्रा ने बिना हिजाब के परीक्षा उपस्थित होने के बजाए छोड़ने को तरजीह दी। इसी प्रकार देश में कई स्थानों पर सिख छात्रों को अंगूठी व कड़ा पहनने से रोका गया साथ ही हिन्दू छात्रों के साथ भी ऐसा हुआ और उनके धार्मिक आस्था से जुड़े धागे को धरण करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके अतिरिक्त बेल्ट व हेयर पिन पर भी प्रतिबंध था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तय्यब अहमद बेग ने आगे कहा कि स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इंडिया (SIO) का मानना है कि भारत विविध धर्मों वाला देश है, जहां पर विभिन्न आस्थाओं एवं रीति रिवाजों को मानने वाले लोग शांति से अपने धार्मिक क्रिया-कलापों का पालन करते हैं और संविधान भी उनकी इसी आस्था के मद्देनजर पूरी स्वतन्त्रता प्रदान करता है। मुख्य न्यायाधीश द्वारा की गई टिप्पणी न सिर्फ धार्मिक अस्थाओं का मज़ाक उड़ाती है बल्कि भारतीय संविधान की धारा 25 के तहत प्रदान किए जाने वाली धार्मिक स्वतन्त्रता का भी हनन करती है। अतः स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इंडिया (SIO) मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू से यह मांग करती है कि वह अपनी को वापस लें और असंवैधानिक बयान पर माफी भी मांगें।
प्रेस वार्ता में आरिज़ अल्वी (अध्यक्ष, एसआईओ यूपी ईस्ट) ने अपने सम्बोधन में कहा कि एसआईओ परीक्षाओं को भ्रष्टाचार तथा नक़ल मुक्त बनाने की पक्षधर है लेकिन इसके लिए किसी भी धर्म की आस्था, विश्वास तथा मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।
कदीर अहमद इसलाही (अध्यक्ष, एसआईओ यूपी वेस्ट) ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस तरह के नियमों से छात्रों पर मानसिक दबाव पड़ता है जिससे उनके भय जन्म लेता है। फलस्वरूप इससे उनकी परीक्षा प्रभावित होती है। सीबीएसई द्वारा लागू किया गया ड्रेस कोड नैतिकता की भी अवहेलना है।
प्रेस वार्ता से पूर्व भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी एक कविता के द्वारा श्रद्धांजलि दी गई।
प्रेस वार्ता को मुहम्मद नईम (अध्यक्ष, जमाअत-ए-इस्लामी यूपी ईस्ट), ज्ञानी दविंदर सिंह जी (मुख्य ग्रंथी , गुरुद्वारा नाका हिंडोला), भिक्षु सुमन रत्न (उपस्थापक, बुद्ध विहार), शाहिद अली (सेक्रेटरी, जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द) तथा बेगम शहनाज़ सिदरत (अध्यक्षा, बज़्म-ए-ख़वातीन) ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन इरशाद अहमद वली (सेक्रेटरी, एसआईओ यूपी सेंट्रल) ने किया।