गुप्टिल, लैथम ने न्यूजीलैंड को दिलाई रिकार्डसाज़ जीत
हरारे : क्रिकेट में फिर बना एक और रिकॉर्ड। लक्ष्य का पीछा करते हुए बिना विकेट गंवाए यह सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड है। न्यूजीलैंड सलामी बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल और टॉम लैथम ने अपने नाबाद शतकों की मदद से यह रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले का रिकॉर्ड श्रीलंका के नाम था जिसने 2011 विश्व कप क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 231 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 10 विकेट से जीत दर्ज की थी।
जिंबाब्वे ने सिकंदर रजा (नाबाद 100) के शतक की मदद से खराब शुरुआत से उबरकर 9 विकेट पर 235 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया था जिसके जवाब में न्यूजीलैंड ने गुप्टिल (नाबाद 116) और लैथम (नाबाद 110) के नाबाद शतकों की मदद से 7.4 ओवर शेष रहते ही बिना विकेट खोए 236 रन बनाकर जीत दर्ज की। इस तरह न्यूजीलैंड ने जिंबाब्वे को दूसरे वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 10 विकेट से रौंदकर 3 मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर दी।
गुप्टिल ने 138 गेंद की अपनी पारी में 11 चौके और एक छक्का मारा जबकि लैथम ने 116 गेंद का सामना करते हुए 7 चौके और 2 छक्के जड़े। यह लैथम की सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय वनडे पारी भी है। सीरीज का निर्णायक मैच भी इसी मैदान पर शुक्रवार को खेला जाएगा।
इससे पहले रजा उस समय बल्लेबाजी के लिए उतरे जब जिंबाब्वे की टीम 68 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद संकट में थी। उन्होंने इसके बाद 95 गेंद में 5 चौकों और 4 छक्कों की मदद से नाबाद 100 रन की पारी खेलकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
जिंबाब्वे के कप्तान एल्टन चिगुंबुरा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का हैरानी भरा फैसला किया। पिछले 3 साल में इस मैदान पर सिर्फ दो टीमों ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है और 2013 में पाकिस्तान तथा 2014 में ऑस्ट्रेलिया दोनों को जिंबाब्वे के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। चिगुंबुरा का यह फैसला जल्द ही गलत साबित हो गया जब टीम ने 18 ओवर के भीतर 5 विकेट गंवा दिए। ग्रांट इलियट ने क्रेग इरवाइन और चिगुंबुरा को पवेलियन भेजा। लेग स्पिनर ईश सोढ़ी ने भी वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने पहले दो विकेट हासिल किए।
रजा ने सीन विलियम्स के साथ छठे विकेट के लिए 60 रन जोड़कर पारी को संभाला। मार्टिन गुप्टिल ने विलियम्स को रन आउट करके इस साझेदारी को तोड़ा। इसके बाद जिंबाब्वे का स्कोर 8 विकेट पर 146 रन हो गया। रजा को इसके तिनाशे पनयंगारा (33) के रूप में उम्दा जोड़ीदार मिला और दोनों ने नौवें विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। रजा को इस बीच 67 रन के स्कोर पर जीवनदान भी मिला। रजा ने अंतिम ओवर की पांचवीं गेंद पर अपना तीसरा वनडे शतक पूरा किया। सोढ़ी ने अपने दूसरे ही वनडे में 38 रन देकर 3 विकेट चटकाए।