कांग्रेस के रुख में नरमी नहीं: सोनिया
सरकार के खिलाफ जारी रहेगा कांग्रेस का आक्रमक रवैया
नई दिल्ली : संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने को लेकर कांग्रेस ने आज संकेत दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने आज कहा कि उनकी मांगें पूरी होने पर ही संसद चलने देंगे।
संसद परिसर में कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक सोमवार सुबह खत्म हुई। सूत्रों के अनुसार, संसदीय दल की बैठक को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने संबोधित किया। बताया जाता है कि संसद में गतिरोध को लेकर कांग्रेस की ओर से रणनीति बनाई गई है। बता दें कि कांग्रेस ललित मोदी प्रकरण और व्यापम घोटाले को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर कोई ‘ठोस प्रस्ताव’ चाहती है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि चर्चा और संवाद पहले तथा कार्रवाई बाद में करने का भाजपा का रुख कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं है। सोनिया ने एनडीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हम सरकार के अडि़यल रवैये के खिलाफ लड़ेंगे। पीएम ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। पीएम भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एनडीए के लैंड बिल के खिलाफ है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि हम मजबूत साक्ष्य के साथ अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन सरकार इस संबंध में कार्रवाई करने की अनिच्छुक है। सरकार जिम्मेदारी की बजाय अहंकार दिखाते हुए संख्या बल का इस्तेमाल कर रही है, जांच की जगह महज चर्चा कराना चाहती है। यह स्वीकार्य नहीं है। सोनिया गांधी प्रधानमंत्री पर उनकी ‘चुप्पी’ के लिए हमला बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लगता है कि ‘मन की बात’ करने वाले चैम्पियन ने ‘मौन व्रत’ धारण कर लिया है।
वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं होगा। हमें आरोपी मंत्रियों का इस्तीफा चाहिए। सरकार की किसान विरोधी नीतियों से नुकसान हुआ है।
इससे पहले, कांग्रेस ने रविवार रात सरकार पर आरोप लगाया कि दो हफ्ते से चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए ‘वह गंभीर नहीं है।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से अवांछित और उकसाउ बयान और भाजपा द्वारा कांग्रेस पर संसद को बाधित करने के आरोप से स्पष्ट है कि सरकार संसद के काम करने के लिए गतिरोध तोड़ने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। एक बयान में उन्होंने कहा कि संसद के काम नहीं करने की जिम्मेदारी पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘घमंड और जिद’ को जाती है।
वहीं, सरकार आज होने वाली सर्वदलीय बैठक में दो हफ्ते से चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए नए सिरे से प्रयास करेगी। भाजपा नीत गठबंधन सरकार जहां विपक्ष को वार्ता की मेज पर लाना चाहता है वहीं ललित मोदी और व्यापम विवादों पर कांग्रेस ने सरकार पर हमला जारी रखा है। गौर हो कि संसद में पिछले 13 से कोई काम नहीं हुआ है।