हॉलमार्क के गहने भी हैं मिलावटी!
नई दिल्ली। कुछ लोग इस बात से सकते में आ सकते हैं, लेकिन सच यह है कि हॉलमार्क प्रमाणित गोल्ड ज्वैलरी भी संदेह से परे नहीं है। इसकी शुद्धता का पैमाना अलग-अलग है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने भारत की हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी पर सवाल उठाते हुए यह बात कही है। भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इसको देखते हुए डब्ल्यूजीसी ने गुणवत्ता मानकों को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाने पर जोर दिया है।
डब्ल्यूजीसी का कहना है कि भारत में हॉलमार्किंग प्रणाली में सुधार न केवल गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम की सफलता के लिए आवश्यक है, बल्कि यह देश के स्वर्ण आभूषण निर्यात में भी जान फूंकने में मदद कर सकता है। अभी आठ अरब डॉलर मूल्य के स्वर्ण आभूषणों का निर्यात होता है। यदि गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार हो तो अगले पांच साल में यह आंकड़ा 40 अरब डॉलर को छू सकता है। फिलहाल देश में सोने की हॉलमार्किंग स्वैच्छिक है। भारतीय मानक ब्यूरो हॉलमाकिंüग का प्रशासनिक प्राधिकरण है।