60 लाख विद्यार्थियों को मिल रहा है मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ: डिम्पल वर्मा
लखनऊ: प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिम्पल वर्मा ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश सरकार की मध्यान्ह भोजन योजना से प्रदेश के 1,15,451 प्राथमिक विद्यालयों एवं 54,019 उच्च प्राथमिक विद्यालय लाभांन्वित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में प्राथमिक स्तर पर अध्यनरत 1.38 करोड़ विद्यार्थी एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर 60.14 लाख विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
श्रीमती वर्मा ने बताया कि मध्यान्ह भोजन का कार्य मुख्यतः ग्राम पंचायतों और वार्ड सभासदों की देख- रेख में किया जा रहा है। भोजन बनाने के लिये आवश्यक खाद्यान्न फूड कार्पोरेशन आफ इण्डिया से निःशुल्क प्रदान किया जाता है, जिसे ग्राम प्रधानों को उपलब्ध कराया जाता है। स्कूल प्रशासन अपनी देख-रेख में विद्यालय परिसर में बने किचन शेड में भोजन तैयार करते हैं। भोजन बनाने हेतु लगने वाली अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करने का दायित्व भी ग्राम प्रधान का ही है, जिसके लिये उसे धनराशि भी उपलब्ध करायी जाती है। इसके साथ ही नगर क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर भोजन बनाने का कार्य स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में सचिव बेसिक शिक्षा हीरालाल गुप्ता ने बताया कि इस योजना के अन्र्तगत विद्यालयों केेेेेेेेे मध्यावकाश के समय छात्र-छात्राओं को स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भोजन प्रदान किया जा रहा है। प्रत्येक छात्र को सप्ताह में 6 दिन डाईट चार्ट के तहत भोजन उपलब्ध कराया जाता है, साथ ही प्राथमिक विद्यालयों में उपलब्ध कराये जा रहे भोजन में कम से कम 450 कैलोरी ऊर्जा व 12 ग्राम प्रोटीन एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 700 कैलोरी ऊर्जा व 20 ग्राम प्रोटीन का प्रावधान किया गया है, वहीं परिवर्धित पोषक मानक के अनुसार मेनू में व्यापक परिवर्तन किया गया है, जिसका व्यापक प्रसार-प्रचार किया जा रहा है।
निदेशक मध्यान्ह् भोजन श्रद्धा मिश्रा ने योजना के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की जनहितकारी सरकार ने मिड डे मील की गुणवत्ता को बढ़ाते हुए एक और सकारात्मक कदम उठाया है। सरकार ने अक्षयपात्र फाउण्डेशन के सहयोग से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उच्चकोटि की भोजन व्यवस्था की है, जहां आधुनिक रसोई के माध्यम से स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इन रसोईयों की क्षमता एक घंटे 1 घंटे में 60 हजार रोटियां बनाने की है। मथुरा में इस आधुनिक रसोई की शुरूआत करने के बाद लखनऊ में भी सरकार द्वारा अक्षयपात्र फाउण्डेशन की नवीनतम रसोई सुविधा का उद्घाटन किया जा चुका है, जिसका फायदा जिले के 109 सरकारी स्कूलों के 11,800 बच्चों को मिल रहा है। इस प्रयास के बाद अक्षयपात्र की योजना का विस्तार जुलाई 2016 तक लखनऊ क्षेेत्र के 690 से अधिक स्कूलों तक करने पर कार्य किया जा रहा है। इस विस्तार से लखनऊ क्षेत्र के 01 लाख से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे। वहीं लखनऊ में इस आधुनिक रसोई की शुरूआत के बाद आगे के क्रम में 5 अन्य जिलों वाराणसी, आगरा, कानपुर, कन्नौज और इटावा में शुरू किया जायेगा।
श्रीमती मिश्रा ने बताया कि राज्य के प्राथमिक विद्यालायों में बच्चों को मिड डे मील के अन्तर्गत प्रत्येक बुधवार को दूध पिलाये जाने की व्यवस्था के साथ ही अब प्रतिदिन अलग-अलग मीनू के अनुसार भोेजन प्रदान किया जायेगा। यह निर्णय प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री श्री राम गोविंद चैधरी ने लिया है। बेसिक शिक्षा मंत्री द्वारा लिए गये निर्णय के अनुसार 15 जुलाई 2015 से मध्यान्ह भोजन के अन्तर्गत सोमवार को खाने में बच्चों को रोटी सब्जी, जिसमें सोयाबीन अथवा दाल की बड़ी, मंगलवार को चावल सब्जी युक्त दाल अथवा चावल सांभर, बुधवार को कोफ्ता-चावल एवं 200 एम0एल0 उबला हुआ दूध, बृहस्पतिवार को रोटी, सब्जीयुक्त दाल, तहरी जिसमें सोयाबीन की बड़ी हो, शनिवार को चावल सोयाबीन युक्त सब्जी वितरित की जा रही है।