‘‘समाजिक उद्यमिता‘‘ ने समाज में नये प्रतिमान स्थापित किये हैं
जेएनपीजी कालेज में प्रो0 समाप्ति गुहा का सामाजिक उद्यमिता विषय पर व्याख्यान
लखनऊ: सामाजिक समस्याओं के समाधान का एक बड़ा विकल्प बनकर उभर रही है सामाजिक उद्यमिता ऐसी बहुत सी समस्याए जिनका उचित निदान देश की सरकार के पास भी नही रहता उन्हे सामाजिक उद्यमियों ने अपने प्रयासों से हल किया है। उदाहरण के लिएबाबा आमटे का कुश्ठ निवारण केन्द्र, अक्षय पात्र एवंम सुलभ इण्टर नेषनल जैसी संस्थायें सभी ने अपने क्षेत्र में बड़ा काम किया है।वर्तमान में देखें तो गूंज जैसी संस्था जिसने पुराने कपड़ोंको गरीब जरूरत मंद लोगों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। श्री अंशु गुप्ता संस्थापक गूंज संस्था को इस वर्ष का रमन मैग्सेेसे अवार्ड यह बताता है कि सामाजिक उद्यमिता की भूमिका बढ़ रही हैं-यह विचार प्रो0 समाप्ति गुहा, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुम्बई ने श्री जय नारायण महाविद्यालय के बीबीए-आई बी विभाग के छात्र छात्राओं के सम्मुख अतिथि वक्ता के तौर पर व्यक्त किये । प्रो0 गुहा को सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र मे आने के लिए विद्यार्थीयों का आवहन किया। उन्होने यह भी बताया कि सामजिक उद्यमिता केवल लाभ कमाने के उदद्ेष्य से नही देखी जाती। बल्कि सामाजिक हित लाभ की दृश्टि से देखी जाती है। डा0 ए0के0 अवस्थी ने डा0 गुहा एवं उनके सहयोगी रूपेश का स्वागत एवं आभार प्रकट किया। डा0 समन खान चन्दन सिंह एवं डा0 विजय राज श्रीवास्तव इस अवसर पर उपस्थित रहे।