रज़ा लाईब्रेरी को पर्यटन के नक्शे पर लाने की जरूरत है: राज्यपाल
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक की अध्यक्षता में आज राजभवन में रामपुर रज़ा लाईबे्ररी बोर्ड की 45वीं बैठक का आयोजन किया गया जिसमें निर्णय लिया गया कि उर्दू प्रकाशन के लिए दिये जाने वाले मुंशी नवल किशोर अवार्ड की धनराशि रूपये 50,000 से बढ़ाकर रूपये 1 लाख की जायेगी। पत्रकारिता में योगदान के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाले महानुभावों को दो अवार्ड जूनियर एवं सीनियर श्रेणी में दिये जायेंगे जिसकी पुरस्कार राशि क्रमशः रूपये 75,000 व रूपये 1 लाख होगी। इस संबंध में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जिसमें प्रो0 अख्तर वासे अध्यक्ष होंगे तथा प्रो0 चन्द्रशेखर, प्रो0 अब्दुल अली, प्रो0 इक्तेदार मोहम्मद खां व पदम्श्री मुज्जफर हुसैन, उपाध्यक्ष उर्दू भाषा विकास परिषद सदस्य होंगे। समिति अध्यक्ष के अनुमोदन हेतु दो या तीन नाम प्रेषित करेगी जिनमें से अध्यक्ष एक नाम का अनुमोदन करेंगे। फारसी के लिए इस वर्ष का नवाब फैजुल्ला खाँ अवार्ड प्रोफेसर नबी हादी को दिया जायेगा तथा इस्लामिक स्टडीज के लिए नवाब रज़ा अली खाँ अवार्ड प्रोफेसर मोहम्मद सालिम किदवई को दिया जायेगा।
बैठक में राज्यपाल के अलावा निदेशक रामपुर रज़ा लाईबे्ररी प्रो0 एस0एम0 अजीजुद्दीन, प्रो0 एस0आई0आर0 जैदी, प्रो0 अब्दुल अली, नसीर अहमद खाँ, मुकेश पी0 सिंह प्रमुख महालेखाकार (जनरल एण्ड सोशल सेक्टर आडिट), सुश्री दीपिका पोखरना निदेशक संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, जगदीश पीयूष, राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि रामपुर रज़ा लाईब्रेरी को शैक्षणिक एवं पर्यटन के नक्शे पर लाने की जरूरत है। रामपुर रज़ा लाईब्रेरी विश्व की समृद्ध लाईब्रेरी है। ज्यादा लोगों को लाईबे्ररी के बारे में जानकारी नहीं है। इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए।