डाॅ0 कलाम ने राष्ट्रपति पद पर अतुलनीय कार्य किया: नाईक
राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति को अपनी और प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज राजभवन के गांधी सभागार में भारत के पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर अपनी एवं प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात् अपने सम्बोधन में कहा कि डाॅ0 कलाम के निधन से पूरा देश शोक में डूब गया है। डाॅ0 कलाम सामान्य परिवार से थे जिन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर उच्च शिक्षा प्राप्त कर वैज्ञानिक के रूप में कार्य करना प्रारम्भ किया। डाॅ0 कलाम के निर्देशन में देश में मिसाइल का निर्माण हुआ तथा परमाणु परीक्षण सम्पन्न हुए। डाॅ0 कलाम को नौकरी में रहते हुए उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्म विभूषण दिया गया था। डाॅ0 कलाम पहले राष्ट्रपति थे जिनका न तो राजनीति और न किसी राजनैतिक दल से कोई संबंध था। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने राष्ट्रपति हेतु उनके नाम का प्रस्ताव रखा जो सभी को मान्य हुआ। डाॅ0 कलाम ने राजनीति में न रहते हुए भी राष्ट्रपति पद पर अतुलनीय कार्य किया।
श्री नाईक ने कहा कि डाॅ0 कलाम इतने उच्च पद पर आसीन होने के बाद भी बच्चों एवं अन्य लोगों से इतनी सहजता से मिलते और बात करते थे कि उन्हें बताना पड़ता था कि वे राष्ट्रपति है। मेरे राज्यपाल बनने के बाद उनसे यहाँ दो बार मुलाकात हुई। दिल्ली से आते समय डाॅ0 कलाम अपनी लिखित पुस्तक मेरे लिए लाए थे। उत्तर प्रदेश की विद्युत समस्या के दृष्टिगत सोलर पावर के एक प्रोजेक्ट के एक कार्यक्रम में लखनऊ आये थे।
राज्यपाल ने कहा कि उनके व्यक्तित्व की ऊंचाई हिमालय की ऊंचाई जैसी है तो उनका ज्ञान सागर की गहराई के समान है। डाॅ0 कलाम को सच्ची श्रद्धांजलि उनके आदर्शों पर चलकर देश का अच्छा नागरिक बनने से होगी। उन्हें भारत रत्न का सम्मान मिला, ऐसा व्यक्तित्व अब हमारे बीच नहीं है। उनका निधन परिवार ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष का दुःख है।
राज्यपाल सहित समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण ने डाॅ0 कलाम की दिवंगत आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन भी रखा।