रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा और आय बढ़ी
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन मुनाफा 1.20 फीसदी बढ़कर 6318 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में ये 6243 करोड़ रुपये रहा था। वहीं इस अवधि के दौरान आरआईएल की स्टैंडअलोन आय 17.4 फीसदी बढ़कर 65817 करोड़ रुपये हो गई है जो कि वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में 56043 करोड़ रुपये थी।
वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज के जीआरएम 10.40 डॉलर प्रति बैरल हो गए हैं। वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का जीआरएम 10.10 डॉलर प्रति बैरल रहा था। रिलायंस इंडस्ट्रीज के जीआरएम पिछले 6 सालों में सबसे बेहतर रहे हैं।
वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन एबिटा 9307 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन एबिटा 8629 करोड़ रुपये रहा था। इसी अवधि में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन एबिटा मार्जिन 14.1 फीसदी हो गया है। जबकि 2015 की चौथी तिमाही में ये 15.4 फीसदी रहा था।
वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन पैटकैम एबिटा मार्जिन 13 फीसदी हो गया है। वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन एबिटा पेटकैम मार्जिन 11 फीसदी रहा था। वहीं स्टैंडअलोन रिफाइनिंग एबिटा मार्जिन 8.4 फीसदी हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में 9.7 फीसदी रहा था।
वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन ऑयल एंड गैस एबिटा मार्जिन 7 फीसदी हो गया है। वित्त वर्ष 2015 की चौथी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्टैंडअलोन ऑयल एंड गैस एबिटा मार्जिन 13 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कंसोलिडेटेड मुनाफा 6222 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंसोलिडेटेड आय 77130 करोड़ रुपये हो गई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि इंटीग्रेशन के चलते नतीजे बेहतर रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज की बैलेंसशीट में 87391 करोड़ रुपये का कैश है। रिलायंस जियो की तैयारी अंतिम चरण में है और बहुत जल्द इसकी शुरुआत की जाएगी। पहली तिमाही में कंपनी के रिटेल कारोबार में अच्छी बढ़त जारी है। जामनगर में कंस्ट्रक्शन का काम जोरों पर चल रहा है। जामनगर रिफाइनरी क्षमता से 107% काम कर रही है। कच्चे तेल में गिरावट से मुनाफा बढ़ा है।