जिन पर जिम्मेदारी वही गुनाहगार: विजय बहादुर पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा अखिलेश सरकार की पुलिस पर पीट-पीटकर हवालात में मारने, जलाकर मारने का आरोप था ही अब तो पैसा न मिलने के कारण ट्रेन से धक्का देकर मारने के भी आरोप लग रहे है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने सरकारी दावों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि शाहजहांपुर प्रकरण, बाराबंकी के कोठी थाना प्रकरण की तरह खुद की गलती से राष्ट्रीय खिलाड़ी होशियार सिंह की मौत का बताया जाना प्रकट करता है कि संवेदनहीन सरकार राज्य में हो रहे घटनाक्रम को सच्चाई के आइने से देखना नहीं चाहती है।
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर राष्ट्रीय खिलाड़ी होशियार सिंह की मौत के मामले पर चर्चा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि दुर्भाग्यजनक और दुखद स्थिति है कि जिन पर राज्य में कानून व्यवस्था बेहतर करने की जिम्मेदारी है वे, लालच में, प्रभाव में, लोभ में आकर खुद कानून व्यवस्था के लिए संकट बन रहे है। लगातार राज्य में घट रही घटनाओं में सत्ताशीर्ष के रवैये पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए श्री पाठक ने कहा चाहे शाहजहांपुर हो, बाराबंकी का कोठीकाण्ड हो अथवा होशियार सिंह के महज दो सौ रूपये न मिलने के कारण ट्रेन से फेके जाने का मामला, हर मामले में पीडि़त पक्ष की बातो को नजरंदाज कर कार्यवाही करने पर उतारू है अखिलेश सरकार।
उन्होंने कहा कि बाराबंकी के कोठी प्रकरण में स्वयं मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रेटी जांच की बात कही थी, किन्तु आरोपी पुलिसकर्मियों की मदद में जुटे लोगों ने इस पूरे प्रकरण की सीबीसीआईडी की जांच के आदेश जारी करा दिये है। यदि सीबीसीआईडी जांच ही कराना था तो फिर मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से इस पूरे प्रकरण पर की मजिस्ट्रेटी जांच की घोषणा क्यों की थी ? जब मुख्यमंत्री सार्वजनिक घोषणा कर चुके थे तो उसका अनुपालन क्यों नहीं कराया ? इसी प्रकार शाहजहांपुर पत्रकार जगेन्द्र सिंह प्रकरण में कार्यवाही में लिपापोती हो रही है। परिजन न्याय की आस में है, सरकार मौन है, हाँ गाहे-बगाहे मीडिया पर जरूर तंज कसा जा रहा है कि मीडिया अच्छे कार्यो को नहीं दिखा रहा, किन्तु ये जो हो रहा है उसे सरकार नहीं देखना चाहती।
श्री पाठक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी होशियार सिंह का क्या गुनाह था ? जो जानकारियां आ रही है, उसमें उन्होंने अपनी पत्नी व मां को महिला कोच में बैठाकर, खुद बराबर वाले कोच में बैठ गए। सिकदरा राउ स्टेशन से पहले उनकी पत्नी ज्योति की तबियत खराब होने की जानकारी पर वो महिला कोच में आ गए। तभी महिला कोच में मौजूद जीआरपी के सिपाही रामविलास एवं राजेश ने उनके महिला कोच में आने पर आपत्ति जताई और कोच से उतरने को कहा। सिपाहियों और होशियार में कहासुनी होने लगी, इसी बीच ट्रेन चलने लगी। दोनों सिपाहियों ने उसे चलती ट्रेन से नीचे धक्का दे दिया।
भाजपा प्रवक्ता ने पूरे प्रकरण को गम्भीरता से लिये जाने की मांग करते हुए कहा कि आरोपो की जद में आये लोगो की गिरफ्तारी हो, पीडि़त परिवार को मुआवजा दिया जाये।