चौथे दिन भी नहीं चली संसद
कांग्रेस के हंगामे के खिलाफ धरने पर बैठे एनडीए सांसद
नई दिल्ली। ललित मोदी प्रकरण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस के हंगामे के कारण लोकसभा में लगातार चौथे दिन भी कोई कामकाज नहीं हो पाया और सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, एनडीए सांसदों ने घोटाले में फंसे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में धरना दिया। कांग्रेस के हमले के जवाब में बीजेपी ने कांग्रेस के दो मुख्यमंत्रियों हरीश रावत और वीरभद्र सिंह पर करप्शन के आरोप लगाए हैं।
इससे पहले सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) विवाद, व्यापम घोटाले और तेलंगाना में उच्च न्यायालय की स्थापना के संबंध में विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा कार्यस्थगन के लिए दिए गए नोटिसों की जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने इन सभी को अस्वीकार कर दिया है।
इसके बाद अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू करते हुए प्रश्न पूछने के लिए जैसे ही एक सदस्य का नाम पुकारा कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य अपनी-अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए। कांग्रेस के कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां भी लिए हुए थे।
महाजन ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी-अपनी सीटों पर जाने को कहा, लेकिन वे नहीं माने। हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, एम वीरप्पा मोइली, के सी वेणुगोपाल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पी करूणाकरण, मोहम्मद सलीम और ए. सम्पत और तेलंगाना राष्ट्र समिति के जितेन्द्र रेड्डी ने विभिन्न मुद्दों पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे, जिन्हें अध्यक्ष ने अस्वीकार करते हुए कहा कि इन मुद्दों को अन्य मौकों पर उठाया जा सकता है।