यूपी: छेड़खानी से परेशान 100 लड़कियों ने स्कूल जाना छोड़ा
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में लगभग 100 लड़कियों ने कथित तौर पर लगातार छेड़छाड़ से आजिज आकर स्कूल जाना छोड़ दिया है। लड़कियों का आरोप है कि लड़कों का एक ग्रुप उनसे राज छेड़छाड़ करता है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पांच लड़कियों के परिजनों की शिकायत पर शेरगढ़ थाना पुलिस ने बुधवार को पांच युवकों के खिलाफ अश्लील टिप्पणी, अश्लील इशारे करने, आपराधिक गतिविधियों और जानबूझकर अपमान करने का मामला दर्ज किया है। हालांकि अभी तक किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं की गई है। बरेली के एडिशनल एसपी (ग्रामीण) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने लड़कियों के स्कूल जाने से इनकार करने का खंडन किया।
उन्होंने दावा किया कि तीन गांवों की कुछेक लड़कियां ही नाव से स्कूल जाती है। शिकायत के अनुसार शिकायत करने वाली लड़कियां नदी के एक ओर रहती है जबकि छेड़छाड़ के आरोपी दूसरे किनारे पर रहते हैं। मामला शेरगढ़ इलाके के तीन गांव से जुड़ा है, जहां शोहदे ‘शैतान’ बन बैठे हैं। इस कदर कि बेटियों के पढ़ने का अधिकार छिन रहा है। रास्ते में पड़ने वाली नदी पर वे अश्लीलता का ‘नंगा’ नाच करते हैं। नाव से लौटती बेटियों को देख अभद्र इशारे, अश्लील फब्तियां और न देखने पाने काबिल हरकतें करते हैं। यह गांव हैं शेरगढ़ से सटे पहाड़पुर, घटगांव और आकलाबाद।
तीनों गांव से करीब सौ बेटियां पढ़ने के लिए रोजाना शेरगढ़ जाती हैं। स्कूल तक पहुंचने के लिए उन्हें ढोड़ा नदी पार करना होता है। नाव के सहारे। यह मुश्किल ही उनके लिए समुद्र लांघने जैसी थी, उस पर भी शोहदे ‘शैतान’ बनकर उनकी राह रोक रहे हैं। सिलसिला अर्से से चल रहा है। विवाद से बचने के खौफ में बेटियां बर्दाश्त करती रहीं लेकिन सोमवार को बेटियों को नाव चलाने वाले मल्लाह का सब्र टूट गया।
उनके परिजनों को जाकर सारी बात बता दी। बेटियों के साथ हो रही ज्यादती सुनकर दंग रह गए। शोहदों से बात की तो विरोध और मारपीट हो गई मगर इस मामले में शेरगढ़ पुलिस ने छात्राओं व उनके परिजनों की बात सुनने के बजाय दूसरे पक्ष की ओर से उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। इतना ही नहीं, सियासी दबाव में गिरफ्तारी के लिए दबिश देने शुरू कर दी।
गांव के प्रधान तेजपाल सिंह गंगवार का आरोप है कि दो दिन पहले कुछ लड़कियों के घरवालों ने पुलिस में शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके अगले दिन मैंने बरेली में केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार के दफ्तर में शिकायत भेजी थी। वहीं एसपी श्रीवास्तव का कहना है कि पुलिस को मामले की जानकारी 20 जुलाई को मिली थी।