याकूब मेमन को फांसी 30 जुलाई को
क्यूरेटिव अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
मुंबई: 1993 मुंबई हमले के दोषी याकूब मेमन की क्यूरेटिव अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। यानी अब 30 जुलाई को याकूब को फांसी होना तय है । गौर हो कि मेमन ने कोर्ट में क्यूरेटिव पेटीशन दायर की थी।
इससे पहले मौत की सजा के खिलाफ उसकी अपीलों को शीर्ष अदालत और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खारिज कर चुके हैं। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार याकूब मेमन की फांसी का वारंट जारी कर चुकी है। रिपोर्टों के मुताबिक 30 जुलाई को नागपुर की सेंट्रल जेल में मेमन को फांसी दी जानी है।
गौर हो कि याकूब मेमन 1993 के मुंबई ब्लास्ट कांड का दोषी है। उसे विशेष टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इन धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के बाद इस बात की संभावना प्रबल है कि 30 जुलाई को नागपुर के जेल में याकूब को फांसी दी जा सकती है।
मेमन को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। याकूब का रिश्ते का भाई उस्मान मेमन एक स्थानीय वकील के साथ केंद्रीय जेल पहुंचा जहां याकूब बंद है। याकूब की पत्नी और बेटी समेत अन्य परिजनों के भी उससे मिलने की बात थी लेकिन वे नहीं आये।
वर्ष 1993 के मुंबई के श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के मामले में दाउद इब्राहिम के साथ प्रमुख साजिशकर्ता मेमन उन दस दोषियों में शामिल है जिसे एक विशेष टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। उच्चतम न्यायालय की पीठ ने 21 मार्च, 2013 को उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा था। मुंबई में 1993 में हुए विस्फोटों में 250 से अधिक लोग मारे गये थे।