समाज और सरकार के बीच भी सेतु का काम करता है राज्यपाल: नाईक
राज्यपाल ने दृष्टिहीन संघ के सम्मेलन में भाग लिया
लखनऊ: राज्यपाल केन्द्र और राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करता है और उसी प्रकार समाज और राज्य सरकार के बीच भी सेतु का काम करता है। आपकी जायज मांग को पूरी करने के लिए मैं निश्चित तौर पर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से बात करूंगा। समानता आपका अधिकार है। समानता आपको देना यह राज्यपाल के नाते मेरा दायित्व है। यह दायित्व पूरा करने की मैं समयबद्ध तरीके से कोशिश करूंगा। अगले वर्ष जब यह सम्मेलन दोबारा आयोजित हो तो मुझे यह जरूर बतायें कि आपका कौन-कौन सा काम हुआ है और कौन सा नहीं हो पाया है।
यह विचार उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ द्वारा आयोजित प्रांतीय सम्मेलन में आश्वासन के रूप में कही। संघ की उत्तर शाखा द्वारा दृष्टिहीन युवाओं और महिलाओं का प्रांतीय सम्मेलन स्थानीय रवीद्रालय प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया था। सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री एस0के0 रूंगटा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ0 कुसुमलता, उत्तर प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष श्याम कुमार, राष्ट्रीय महासचिव शिवकुमार सिंह व बड़ी संख्या में दृष्टिबाधित जन उपस्थित थे।
श्री नाईक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि दृष्टिहीन संघ दया कृपा नहीं मांग रहे हैं बल्कि अपने समानता का अधिकार मांग रहे हैं। सम्मेलन में पारित प्रस्ताव की प्रति उन्हें मिलेगी तो वह निश्चित रूप से उस पर कार्यवाही करेंगे। इस कार्यक्रम में आने से मुझे दृष्टि होते हुए भी एक नयी दृष्टि मिली है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में दृष्टिहीन बैकलाॅग को भरने के लिए भी वे प्रयास करेंगे। सम्मेलन में राज्यपाल से यह भी शिकायत रखी गयी कि दृष्टिबाधित लोगों के लिए जारी होने वाले प्रमाण पत्रों का दुरूपयोग होने से योग्य लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पाता है। राज्यपाल ने आश्वस्त किया कि प्रमाण सहित शिकायत प्राप्त होने पर निश्चित रूप से कार्यवाही की जायेगी।
श्री राज्यपाल ने कहा कि समाज में ऐसे कई महान व्यक्तियों के उदाहरण हैं जिन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्तियों के साथ जीवन की सभी चुनौतियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तमिलनाडु में एक नेत्रहीन महिला ने आई0ए0एस0 अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया है। इसी तरह अन्य प्रान्तों में भी उदाहरण उपलब्ध हैं। विज्ञान की मदद से दृष्टिहीन लोगों के लिए शिक्षा ग्रहण करने की अनेक सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के सशक्तिकरण के साथ विकलांगता न आये उसकी रोकथाम के लिए उपाय भी जरूरी हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने दृष्टिहीन खिलाडि़यों को सम्मानित भी किया।