गोपीचंद मुझे भारतीय टीम से बाहर करना चाहते हैं: ज्वाला गुट्टा
नई दिल्ली: भारतीय बैडमिंटन युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा है कि राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद नहीं चाहते कि वे टीम का हिस्सा रहें। जून में ही अपनी पार्टनर अश्विनी पोनप्पा के साथ कनाडा ओपन प्रतियोगिता जीतने वाली ज्वाला ने कहा, “मुझे ये कहने में कोई हिचक नहीं कि पुलेला गोपीचंद मुझे भारतीय टीम से बाहर करना चाहते हैं, लेकिन मेरा सवाल सभी के लिए एक है कि क्या आपके पास मेरा विकल्प है। “
ज्वाला का कहना है कि उन्हें आजतक ये समझ में नहीं आया कि जब गोपीचंद जैसे महान खिलाड़ी भारत के मुख्य कोच हैं तब वे खिलाडियों के हित में बोलने से कतराते क्यों हैं।
ज्वाला गुट्टा भारत की अब तक की सबसे सफल युगल बैडमिंटन खिलाडियों में से एक रहीं हैं जिन्होंने 34 अंतरराष्ट्रीय ख़िताबों के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक भी जीता है। उन्होंने कहा, “मुझे और अश्विनी को सरकार की मिशन ओलंपिक वाली टीओपी स्कीम में भी नहीं रखा गया था और बाद में ऐसी खबरें आ रहीं हैं कि हमें इसमें शामिल किया जाएगा। ” उन्होंने आगे कहा, ”हमने प्रकाश पादुकोण के बाद वर्ल्ड कप में पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया था ये शायद लोग भूल रहे हैं। “
दरअसल ज्वाला गुट्टा ने एक समय में पुलेला गोपीचंद के साथ मिल कर राष्ट्रीय मिश्रित युगल खिताब भी जीता हुआ है, लेकिन दो वर्ष पूर्व भारतीय बैडमिंटन संघ के साथ हुए अपने विवाद और निलंबन की धमकी के बाद से ज्वाला के संबंध गोपीचंद से बिगड़ गए थे। ज्वाला का कहना था, “गोपीचंद ने तब मेरा साथ नहीं दिया था और चीफ़ कोच होने के नाते उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए थी। ” हालांकि भारतीय बैडमिंटन संघ ने जवाला के इन आरोपों को हमेशा बेबुनियाद बताया है कि गोपीचंद ने उनका विरोध किया है। किसी ज़माने में अपने ख़िलाफ़ अनुशासनिक कार्रवाई के खतरे से जूझने वाली ज्वाला अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रही हैं। लेकिन 14 बार राष्ट्रीय महिला युगल चैम्पियनशिप जीतने वाली ज्वाला का मत है कि 31 वर्ष की होने बावजूद उनमे अभी बहुत बैडमिंटन बचा हुआ है।
उन्होंने कहा, “मेरा निशाना रियो में होने वाले अगले ओलंपिक खेल हैं और उसके बाद सोचूंगी कि आगे क्या करना है। ” पूछे जाने पर कि क्या बॉलीवुड भी उनके आगामी एजेंडे पर रहेगा, ज्वाला ने जवाब दिया, “फिलहाल तो बैडमिंटन प्राथमिकता है लेकिन आगे के लिए मैं इनकार भी नहीं कर सकती।”