लखनऊ : हजारों करोड़ रूपये घोटाले के आरोपी यादव सिंह पर प्रदेश सरकार द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ द्वारा इस प्रकरण की सी0बी0आई0 जांच कराये जाने के आदेश दिये गये हैं। उच्च न्यायालय के आदेश से यह साबित होता है कि भ्रष्टाचारियों एवं अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने की इच्छाशक्ति प्रदेश सरकार में नहीं है अथवा ऐसे तत्वों को प्रदेश सरकार संरक्षण दे रही है। कंाग्रेस पार्टी उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करती है।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यादव सिंह प्रकरण में कोई कार्यवाही न करना यह साबित करता है कि राज्य सरकार के मंत्री और विधायक इस प्रकरण में भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देते रहे हैं और यही कारण है कि पूरे प्रदेश में अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों की समानान्तर सरकार स्थापित हो गयी है जो प्रदेश की जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

इतना ही नहीं प्रदेश में तमाम मामलों में राज्य सरकार की ऐसी ही कार्यप्रणाली के चलते उच्च न्यायालय केा बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा है और राज्य सरकार को बार-बार मुंह की खानी पड़ी है। न्यायालय के इस निर्णय से आम जनता का विश्वास न्यायपालिका के प्रति और भी अधिक पुख्ता हो गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि उ0प्र0 में जब-जब समाजवादी पार्टी सत्ता में आती है भ्रष्टाचारियों और अपराधियों के पौ बारह हो जाते हैं और इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि चाहे वह एनआरएचएम घोटाला हो, खाद्यान्न घोटाला या तिरपाल घोटाला हो, खनन घोटाले सहित तमाम भ्रष्टाचार के मामलों में राज्य सरकार ने अभी तक कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की है बल्कि इन घोटालों पर पर्दा डालने का काम किया है।