नीति आयोग बैठक में अखिलेश की अनुपस्थिति पर भाजपा ने उठाये सवाल
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की गैरहाजिरी न सिर्फ आपत्तिजनक है, बल्कि यह भारत के संघीय ढ़ांचे पर भी कुठाराधात है। प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रधानमंत्री अध्यक्षता में होने वाली बैठक का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में एक समान विकास के अवसर उपलब्ध कराने के मुद्दे पर सभी राज्यों के बीच एक आम राय बनाना था, लेकिन अखिलेश यादव ने इस बैठक का बहिष्कार न सिर्फ विकास के एजेंडें से प्रदेश को वंचित किया,बल्कि कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग बहिष्कार के फैसले का साथ देकर यह भी जता दिया कि सपा आज भी कंाग्रेस की पिट्ठू बनी हुई है इसका जनता की भलाई से कोई मतलब नहीं है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि नीति आयोग न तो किसी पार्टी का कोई ईकाई है और न इसका किसी राजनीतक एजेंडे से कोई लेना देना है, बल्कि योजना आयोग की जगह बनाये गये नीति आयोग में राज्यों की भूमिका और बड़ी रखी गई है ताकि निर्णय लेने में और पारदर्शिता बने तथा राज्यों के हितों का अधिकतम संभव ख्याल रखा जा सके। इस लिहाज से 15 जुलाई को बुलाई गई नीति आयोग की बैठक काफी महत्वपूर्ण थी। इस बैठक में सिर्फ भूमि अधिग्रहण विधेयक पर ही चर्चा नहीं थी, बल्कि देश से गरीबी हटाने के लिए एक एकीकृत प्रयास करने पर आम राय बनाना भी इस बैठक का उद्देश्य था। लेकिन उत्तप्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस बैठक में जाना उचित नहीं समझा । उनके लिए राज्य की जनता के हितों से संबधित मुद्दों पर गंभीरता से विचार विमर्श करने से ज्यादा इफ्तार पार्टी का आयोजन करना ज्यादा महत्वूपर्ण था।