चेन्नई। आईपीएल की सबसे सफल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है। इनमें सीएसके के दो साल तक आईपीएल से दूर रहने से लेकर बीसीसीआई के बैनर तले खेलने तक शामिल है। इस मामले में फैसला बीसीसीआई को करना है क्योंकि जस्टिस लोढ़ा कमिटी ने सीएसके और रॉयल्स को सस्पेंड कर गेंद बोर्ड के पाले में डाल दी। इन सबके बीच भारतीय वनडे टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के आईपीएल भविष्य को लेकर भी सवाल जारी है।

सीएसके को दो साल के लिए सस्पेंड करने के चलते इस टीम के खिलाडियों को नीलामी में डाला जा सकता है और धोनी समेत सुरेश रैना, अश्विन, रवीन्द्र जडेजा के लिए दूसरी टीमें दांव लगा सकती है। इस बारे में सीएसके के एक अधिकारी का कहना है कि धोनी समेत सभी खिलाडियों के साथ हमारा सालाना अनुबंध हैं। अगर हम प्रतियोगिता से बाहर होते हैं तो वे वापिस नीलामी में जा सकते हैं। वहीं कई जानकारों का मानना है कि धोनी सीएसके को शायद ही छोड़ें।

धोनी इंडिया सीमेंट में वाइस प्रेसीडेंट हैं और ऎसे नाजुक मौके पर सीएसके के साथ रहने का फैसला कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि सीएसके में धोनी के शब्द आखिरी होते हैं। उन पर मैनेजमेंट की ओर से कोई दबाव नहीं होता और वह खुले दिमाग से खेल सकते हैं। उन्हें सीएसके की ओर से खेलना पसंद है और इसीलिए वे कोई मैच नहीं छोड़ते जब तक कि गंभीर रूप से चोटिल न हो जाए। जैसे कि खबरें हैं कि धोनी 2016 के बाद ज्यादा लंबे समय तक नहीं खेलेंगे। इसके चलते ऎसा हो सकता है कि वह इसी टीम के साथ रहे।

धोनी आईपीएल की शुरूआत से ही चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ हैं। 2008 में हुई पहली बोली में सीएसके ने धोनी के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई थी और अपने साथ जोड़ा था। इसके बाद 2010 में सीएसके ने धोनी को रिटेन करते हुए बड़ी राशि खर्च की थी। तब से धोनी चेन्नई को दो बार आईपीएल विजेता और चार बार उपविजेता बना चुके हैं। इसके साथ ही दो बार चैंपियंस लीग टी20 का खिताब भी दिला चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि बात सिर्फ सीएसके के आईपीएल में कंसिस्टेंट रहने की नहीं है बल्कि अन्य फ्रैंचाइजियों की तरह इस टीम के मालिक ने कभी धोनी से एक भी सवाल नहीं किया। अब देखना दिलचस्प होगा कि धोनी यहीं रहते हैं या किसी और फ्रैंचाइजी के साथ अपना भाग्य आजमाते हैं।