लखनऊ। आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के निलंबन को लेकर आज कांग्रेस के दो विरोधाभासी बयान सामने आये। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक ओर जहाँ आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के निलंबन की निंदा की है वहीँ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने प्रदेश सरकार के फैसले को सही ठहराया है । 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि निलंबन की निंदा करते हुए कहा कि खनन मंत्री के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए किसी अधिकारी की आवाज को उसे निलंबित कर दबाया नहीं जा सकता। यह तरीका अपनाकर गायत्री प्रजापति के भ्रष्टाचार पर पर्दा नहीं डाला जा सकता। त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से गायत्री प्रजापति के भ्रष्टाचार की जांच कराने तथा प्रजापति के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को दंडित न करने की मांग की।

उधर वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि ठाकुर ने बात का बतंगड़ बना दिया और वह मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए पुलिस अधिकारी के दायित्व को निभाने के अलावा बाकी सभी काम करते रहे हैं।

लालजी टंडन ने निलंबन को बताया 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व सांसद लालजी टंडन आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के निलंबन को सही नहीं मानते हैं। अयोध्या में नेत्र चिकित्सालय के उद्घाटन में पहुंचे लालजी टंडन की राय में प्रतिशोध की भावना से किसी को भी निर्णय नहीं लेना चाहिए।

भाजपा के पूर्व सांसद लाल जी टंडन ने कहा कि कहीं पर भी नेताओं तथा ब्यूरोक्रेसी दोनों को अपनी सीमाओ में रहना चाहिए। अमिताभ ठाकुर प्रकरण पर टंडन ने कहा कि यहां पर दोनों ने ही अपनी सीमाओं का उल्लंघन किया है, लेकिन अमिताभ ठाकुर का निलंबन ठीक नही है। उन्होंने कहा कि किसी में भी प्रतिशोध की भावना नही होनी चाहिये। नेता के साथ अफसर को भी हर मामले में सयंम बरतना चाहिए।