खिलाड़ियों को दूसरों के अपराध की सज़ा मिल रही है: गावस्कर
नई दिल्ली: जस्टिस आरएम लोढा कमिटी ने राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को दो साल के लिए आईपीएल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कमिटी ने इसी के साथ गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा पर आजीवन प्रतिबंध भी लगा दिया। इस बीच सवाल ये उठने लगा है कि इन दो टीमों के खिलाड़ियों का क्या होगा?
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनाल गावस्कर ने फ़ैसले पर अपनी राय देते हुए कहा, ‘आईपीएल बिना एमएस धोनी के सोचना काफ़ी मुश्किल होगा। हालांकि धोनी अब 34 साल के हो गए हैं और कुछ समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा भी कहेंगे लेकिन आईपीएल उनके बिना सोचना मुश्किल होगा’।
गावस्कर ने राजस्थान और चेन्नई के ख़िलाड़ियों के साथ सहानभूति जताते हुए कहा कि दोनों टीमों के खिलाड़ियों के लिए यह दर्दनाक समय है। टेस्ट में सबसे पहले दस हज़ार रन का आंकड़ा छूने वाले गावस्कर के मुताबिक, खिलाड़ियों को दूसरे लोगों के अपराध की सज़ा मिल रही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फ़ैसला तीन पूर्व जज़ों ने दिया है, इस वजह से फ़ैसले पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।
आईपीएल में राजस्थान और चेन्नई की जगह दो नई टीमों को लाने पर गावस्कर ने कहा, ‘आईपीएल अभी 8 महीने दूर है और बीसीसीआई को दो नई टीम तलाशने में ज़्यादा मुश्किल नहीं होगी। आईपीएल की शुरुआत 8 टीमों के टूर्नामेंट के तौर पर हुई थी जिसे बाद में बढ़ा कर 10 टीम करने का लक्ष्य था।’
भारत के लिए 125 टेस्ट खेल चुके गावस्कर ने इस बात से साफ़ इंकार कर दिया कि आईपीएल से भारतीय क्रिकेट में करप्शन है। उन्होंने कहा कि आईपीएल से अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बीच भाईचारा बढ़ा है, साथ ही देश में फ़र्स्ट क्लास क्रिकेटरों को अपना हुनर दिखाने के लिए एक नया प्लेटफ़ॉर्म मिला है। 66 साल के टेस्ट क्रिकेटर के मुताबिक आईपीएल से फ़ायदा ज़्यादा, नुकसान कम हैं।