लखनऊ । राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया अजित सिंह ने राज्य पुनर्गठन की मांग दोहराते हुए कहा कि यह मांग आज की नहीं है, जब उत्तरांचल और तेलंगाना अलग नहीं हुये थे तभी से विकास की दृष्टि से राज्य पुनर्गठन की मांग की चिंगारी को हवा दी गयी है। अजित सिंह राष्ट्रीय लोकदल द्वारा सहकारिता भवन के चौ0 चरण सिंह सभागार में आयोजित राज्य पुनर्गठन प्रतिनिधि सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। 

रालोद अध्यक्ष ने अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उ0प्र0 का दुर्भाग्य है कि बटेर ऐसे आदमी के हाथों लग गयी है जिसकी सारी सोंच सैफई तक सीमित है और ज्यादा से ज्यादा मैनपुरी तक। उन्होंने छोटे राज्यों के विकास पर जोर देते हुये कहा कि छोटे राज्यों के गठन से तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं और शासक और शासित के बीच सीधा संवाद सम्भव हो जाता है जिससे प्रजातंत्र का अर्थ साबित होता है। उ0प्र0 का पुनर्गठन होना नितांत आवश्यक  है क्योंकि अगर देश में  गणना की जाय तो उ0प्र0 विश्व  का पांचवा देश  होगा। उन्होंने कहा कि हमे इसके लिए सभी ग्रुपों से बात करके समन्वय समिति बनाकर काम करना होगा। पूरे प्रदेश  में एक साथ सभी वर्गों व सहयोगियों को साथ लेकर जन आन्दोलन बनाने की जरूरत है। 

सम्मेलन को बुन्देलखण्ड बनाओ संगठनांे के समन्वय समिति के संयोजक डाॅ0 बाबूलाल तिवारी , राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश  अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान, डाॅ0 सुधाकर पाण्डेय ने सम्बोधित किया 

सम्मेलन में बुन्देलखण्ड बनाओ संगठनों के समन्वय समिति के संयोजक डाॅ0 बाबूलाल तिवारी, पूर्वांचल राज्य बनाओं के अध्यक्ष डाॅ0 सुधाकर पाण्डेय एवं पूर्वाचल राज्य बनाओ आन्दोलन के संयोजक रमाशंकर यादव, पूर्वांचल बनाओं मंच के संयोजक सुरेश  पाठक तथा बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के महामंत्री रविन्द्र कुरेले सहित पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड एवं हरित प्रदेश  की मांग कर रहे अन्य कई संगठनों के अध्यक्षों एवं समितियों के सदस्योें ने भाग लिया। 

सम्मेलन के पश्चात प्रदेश के हालात को देखते हुये अजित सिंह ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की।