हृदय को छू जाना ही कविता का श्रेय है: नाईक
राज्यपाल ने किया रोमा मिश्रा की काव्य कृति ‘पलकों की मुंडेर‘ का विमोचन
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में मध्यम साहित्यिक संस्थान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में श्रीमती रोमा मिश्रा की काव्य कृति ‘पलकों की मुंडेर‘ का विमोचन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व महापौर दाऊजी गुप्ता ने किया। पूर्व गृहमंत्री रामलाल राही, शिव गोपाल मिश्रा अध्यक्ष भारतीय रेलवे मेन्स फेडरेशन, न्यायमूर्ति अनुराग कुमार सहित अन्य साहित्य प्रेमीजन उपस्थित थे। राज्यपाल ने संस्थान की ओर से श्रीमती रोमा मिश्रा को सम्मान पत्र व शाल देकर सम्मानित भी किया।
राज्यपाल ने लोकार्पण के बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए आग्रह किया कि ज्यादा से ज्यादा लोग किताब खरीदकर पढे़ ताकि सरस्वती के साथ-साथ लक्ष्मी भी प्रसन्न हों। काव्य कृति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि रोमा मिश्रा ने अपने विचार बड़ी सहजता और सरलता से कविता के रूप में प्रस्तुत किये हैं। यह जानकर और भी प्रसन्नता है कि कवियत्री रोमा भी मुंबई शहर से संबंध रखती हैं।
श्री नाईक ने कहा कि वे एक अच्छे श्रोता है। कविता पढने का संबंध स्कूल तक रहा है लेकिन खुद कविता करना उनके लिए संभव नहीं है। उन्होंने कहा कल्पना तो कर सकता हूँ पर कागज पर भावपूर्ण और प्रवाहपूर्ण तरीके से नहीं लिख सकता। अटल जी की कविता ‘हे प्रभु मुझे इतनी ऊंचाई मत देना‘ विशेष रूप से पसंद है। उन्होंने कहा कि हृदय को छू जाना ही कविता का श्रेय है।
इस अवसर पर पूर्व महापौर श्री दाऊजी गुप्ता, पूर्व गृहमंत्री रामलाल राही, श्री शिव गोपाल मिश्र सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे तथा श्रीमती रोमा मिश्रा को उनके उज्जवल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।