भारत-तुर्कमेनिस्तान के बीच 7 समझौते
भारत-तुर्कमेनिस्तान के बीच 7 समझौते, तापी परियोजना को अमलीजामा पहनाने पर जोर
अशगाबात : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगूली बर्दीमुखम्मदोव से शनिवार को बातचीत के दौरान 10 अरब डॉलर की लागत वाली तापी गैस पाइपलाइन परियोजना को जल्द से जल्द अमल में लाने के साथ ही दोनों देशों द्वारा मिलकर आतंकवाद से मुकाबला करने की वकालत की और रक्षा क्षेत्र सहित सात समझौते किये।
मध्य एशिया के पांच देशों और रूस की यात्रा के क्रम में शुक्रवार को तुर्कमेनिस्तान पहुंचे मोदी ने वहां के राष्ट्रपति के साथ विभिन्न विषयों पर व्यापक बातचीत की जिसमें सीमापार आतंकवादी खतरे, संगठित अपराध और गैर कानूनी मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कदम उठाने का संकल्प व्यक्त किया और स्थिर अफगानिस्तान के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
क्षेत्र के लिए आतंकवाद को एक बड़े खतरे के रूप में चिन्हित करते हुए मोदी ने कहा, ‘शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान एवं मध्य एशिया हमारे साझा हित हैं। क्षेत्र में आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ाई में भी हमारे साझा उद्देश्य हैं।’ उन्होंने तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत यानी ‘तापी’ परियोजना को दोनों देशों के संबंधों की एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
मोदी ने बर्दीमुखम्मदोव को बताया कि ईरान से होते हुए गैस पाइपलाइन के लिए भूमि और समुद्री मार्गों की संभावनाओं के विभिन्न विकल्प तलाशे जाने चाहिए।
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के संबंधों में संपर्क बढ़ाने की जरूरत को महत्वपूर्ण आयाम बताया। उन्होंने प्रस्ताव किया कि तुर्कमेनिस्तान अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे में शामिल हो जाए।
प्रधानमंत्री ने कजाखस्तान-तुर्कमेनिस्तान रेल सम्पर्क के साथ ही भारत की ओर से चाहबहार बंदरगाह में निवेश करने का प्रस्ताव करते हुए कहा कि इन पहलों से हमारे देशों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढाना एक प्राथमिकता का क्षेत्र है और अगर हम ईरान के मार्ग का उपयोग करें तो मध्य एशिया पहुंचने के लिए अशगाबात पहली राजधानी पड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने तुर्कमेनिस्तान में ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालीन निवेश के हमारे हितों के बारे में बताया। हम अशगाबात में ओएनजीसी विदेश लिमिटेड का कार्यालय खोले जाने के फैसले का स्वागत करते हैं।’ कारोबार और पारगमन के लिए अशगाबात समझौते में भारत के शामिल होने का समर्थन करने के लिए मोदी ने तुर्कमेनिस्तान का आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुआ रक्षा समझौता आतंकवाद से लड़ने सहित हमारे करीबी सुरक्षा सहयोग के हमारे साझा हितों को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोकेमिकल और उर्वरक सहित महत्वपूर्ण उद्योगों में भारत के निवेश के बारे में तुर्कमेनिस्तान के साथ बहुत ही सकारात्मक विचार विमर्श हुआ। उर्वरक क्षेत्र में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर से भारत को यहां से दीर्घकालिक उर्वरक की आपूर्ति की व्यवस्था हो सकेगी।
खेल और पर्यटन के बारे हुए समझौतों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनसे दोनों देशों की जनता के बीच रिश्ते और गहरायेंगे।
तुर्कमेनिस्तान में योग केंद्र और पारंपरिक औषधि के केंद्र खोले जाने को मोदी ने दोनों देशों के सांस्कृतिक सम्पर्को का प्रतीक बताया। संयुक्त बयान में तापी परियोजना को दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों का ‘महत्वपूर्ण स्तम्भ’ बताया गया है और दोनों नेताओं ने इस बात को माना कि इसे लागू करने से कारोबार में आमूलचूल बदलाव आयेगा।