मुंबई : लालकृष्ण आडवाणी के समर्थन में बोलते हुए भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी में इस दिग्गज नेता की संगठन मामलों में सक्रिय भागीदारी की कमी खली रही है। उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों पर आडवाणी के मार्गदर्शन एवं परामर्श की जरूरत बतायी।

सिन्हा ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘मै कह सकता हूं कि आडवाणी जी एक मित्र, दार्शनिक एवं मार्गदर्शक हैं। वह अंतत: गुरु हैं तथा न केवल मेरे बल्कि पूरी भाजपा के नेता हैं। निश्चित तौर पर, हमें उनकी सक्रिय भागीदारी की कमी खलती है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं केवल उम्मीद, आकांक्षा एवं प्रार्थना कर सकता हूं कि आडवाणी को विश्वास में लिया जाएगा। उनके साथ विचार विमर्श किया जाना चाहिए तथा उनका मार्गदर्शन होना चाहिए। मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं ताकि वह कई और वर्षों तक हमारी अगुवाई कर सकें।’

आडवाणी को पार्टी में उचित महत्व नहीं दिए जाने संबंधी धारणा के बारे में पूछने पर सिन्हा ने कहा, ‘यह लोगों को देखना एवं तय करना है। हम अच्छे दौर से नहीं गुजर रहे। लेकिन हम इससे पार पा लेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या नरेन्द्र मोदी सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरी है, सिन्हा ने कहा, ‘लोगों की उम्मीद पर खरा उतरना, यह बेहद व्यक्तिपरक मुद्दा है।’ पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि लोगों की जबरदस्त उम्मीदें हैं, न केवल भाजपा से बल्कि हमारे नेतृत्व से, हमारे कर्मठ नायक, सक्रिय एवं स्फूर्तिमान श्री नरेन्द्र मोदी से।’

भाजपा नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवन्त सिन्हा ने पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व को आड़े हाथ लेते हुए टिप्पणी की थी, ‘75 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी लोगों को 26 मई 2014 को मस्तिष्क रूप से मृत घोषित कर दिया गया था।’ उनकी इसी टिप्पणी का हवाला देते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मार्गदर्शक एवं संरक्षकों का होना हमेशा बेहतर होता है। पटना साहिब से भाजपा सांसद ने कहा, ‘यशवन्त सिन्हा की टिप्पणी पर मेरा मानना है कि यदि हमारे (भाजपा के) पास और मार्गदर्शक एवं संरक्षक होते तो बेहतर होता। चीजों के इतनी तेजी से बिगड़ने से पहले ही उन्हें ठीक कर दिया जाता।’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि यदि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को उचित महत्व दिया गया होता तो मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खडी कर रहे विवादों की पृष्ठभूमि में इस तरह से चीजों को ठीक करने के लिए कदम उठाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा, ‘यदि हम सब चीजों को फोटो खिंचवाने के अवसर में तब्दील कर देंगे तो कहीं न कहीं हम अपने नेता, अपने प्रधानमंत्री को विफल कर रहे हैं। हमें अधिक चौकन्ना रहना पड़ेगा।’

बिहार चुनाव में वोटरों के बीच उनकी अपील का भाजपा द्वारा संभवत: उपयोग नहीं किये जाने के बारे में पूछने पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता। मेरी कोई मांग, कोई शिकायत एवं कोई उम्मीद नहीं है। यह उनकी बुद्धिमत्ता है। मेरी कोई आकांक्षा नहीं है।’  वरिष्ठ बालीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘मैं बिहार के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं। यदि पूछा जाए कि आप मोदी समर्थक हैं या आप उनके या किसी और के समर्थक हैं तो मैं यही कहूंगा कि मैं फिलहाल बिहार समर्थक हूं। मैं बिहार का आर्थिक विकास चाहता हूं। बिहार को वह स्थान मिलना चाहिए जिसका वह हकदार है।’