कोठी थाने की घटना बिगड़ती कानून व्यवस्था का जीवंत उदाहरण: अनिल दूबे
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने बाराबंकी जनपद के कोठी थाने में पुलिस द्वारा की गयी हैवानियत को मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताते हुये कहा है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जायेगे तो आम जनता को न्याय कहां मिलेगा। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर में पत्रकार की जलाकर निर्मम हत्या किये जाने के बाद यह घटना उ0प्र0 की लगातार बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण है।
श्री दुबे ने कहा कि धटना के दोषी थानाध्यक्ष व दरोगा को निलंबन कर जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है उसमें हत्या करने का आरोप भी लगाकार दोषी लोगो को गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए तथा कोठी थाने के पूरे स्टाफ को निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि प्रदेष में फिर कभी किसी थाने पर इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो सके। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रदेष सरकार महिला सषक्तीकरण और आम जन की सुरक्षा की गारण्टी की बात करती है और दूसरी तरफ थानों महिला उत्पीड़न तथा निर्दोषों पर पुलिसिया उत्पीडन जारी है। प्रदेष में थानो पर अत्याचार बढ़ रहे है जिससे जनता का विष्वास सरकार से उठ सा गया है जिसका खामियाजा 2017 के विधान सभा चुनाव में सरकार को भुगतना पडे़गा।
श्री दुबे ने कहा कि उ0प्र0 में कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदत्तर होने का कारण थानों में मेरिट के आधार पर नियुक्ति न किया जाना है जिलों में अकर्मण्य और अयोग्य थानेदारों को सिपारिष के आधार पर थाना प्रभारी नियुक्ति किया जा रहा है और योग्य तथा तेज तर्रार इंस्पेक्टरों को लाइन में डयूटी करनी पड़ती है ऐसे में कानून एवं व्यवस्था मंे सुधार होना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि जिलों में थाना प्रभारी की नियुक्ति मेरिट के आधार पर कराने की नीति सरकार से बनाने की मांग की।