सेलुलर जेल को तीर्थ स्थान घोषित किया जाय: राम नाईक
राज्यपाल उत्तर प्रदेश ने पोर्टब्लेयर की सेलुलर जेल में भूमि पूजन किया
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक ने आज पोर्टब्लेयर के सेलुलर जेल में मुख्य अतिथि के तौर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक पर ‘स्वातंत्रय ज्योत‘ का भूमि पूजन किया। यह संयोग का विषय है कि आज के ही दिन वीर सावरकर को अंग्रेजों द्वारा पोर्टब्लेयर लाया गया था। इस अवसर पर उपराज्यपाल अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह, ले0जन0 ए0के0 सिंह (सेवानिवृत्त), सांसद विष्णुपद रे, मुंबई के सांसद राहुल शेवाले, विख्यात शिल्पकार उत्तम पचारणे सहित अन्य महानुभावों उपस्थित थे।
राज्यपाल ने स्वातंत्रय वीर सावरकर को पारसमणि की संज्ञा देते हुए कहा कि वे भारत के महान सपूत है। अंग्रेजों के हाथों वीर सावरकर ने 11 वर्ष यातनायें झेली लेकिन उनकी इच्छाशक्ति और राष्ट्रप्रेम कमजोर नहीं पड़ा। वे आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए योग करते थे तथा सदैव सोचते रहते थे कि देश को विदेशी दासता से कैसे आजाद कराया जाए। उन्होंने कहा कि सेलुलर जेल में वीर सावरकर द्वारा लिखे गये लेख अद्वितीय है।
श्री नाईक ने सेलुलर जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश की आजादी में अमूल्य योगदान दिया है। स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से ऐसे स्थान तीर्थ स्थान का दर्जा रखते हैं। अण्डमान निकोबार द्वीप समूह को केवल नैसर्गिक सौन्दर्य या पर्यटन की दृष्टि से न विकसित किया जाय बल्कि उसे एक तीर्थ द्वीप के रूप में विकसित किया जाय जहां लोग स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान देने के लिए आ सके। देश के नागरिकों का कर्तव्य है कि ऐसे महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ऐसे स्थान पर अपने जीवन में एक बार अवश्य आए।
राज्यपाल ने कहा कि सेलुलर जेल के संग्रहालय में वीर सावरकर गैलरी बननी चाहिए जिससे यहां आने वालों को वीर सावरकर के इतिहास तथा स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में पता चल सके। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार से भी चर्चा करेंगे। श्री नाईक ने वीर सावरकर के स्मारक पर पट्टिका की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री राजनाथ सिंह का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर उपराज्यपाल ले0जन0 ए0के0 सिंह ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की बात का समर्थन करते हुए कहा कि अण्डमान को तीर्थस्थल घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने वीर सावरकर के योगदान को याद करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुंबई के सांसद राहुल शेवाले ने भी अपने विचार रखते हुए नाईक के प्रस्ताव का समर्थन किया।