मदरसों पर महाराष्ट्र सरकार का फैसला संकुचित मानसिकता: त्रिवेदी
लखनऊ। कौमी कल्याण मंच उ0प्र0 के अध्यक्ष सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा मदरसों और स्कूलों को अलग करने पर विचार व्यक्त करते हए कहा है कि संकुचित मानसिकता के लोग यदि खुदा और भगवान में भी अन्तर स्थापित करने पर आमादा हो जायें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। व्यक्ति के लिए आवश्यक है कि उसका मानसिक सन्तुलन बना रहें तभी सामाजिक सन्तुलन बना रह सकता है।
श्री त्रिवेदी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ संकुचित मानसिकता वाली शक्तियाँ वास्तव में अंग्रेजों की सच्ची अनुयायी है और यही कारण है कि अंग्रेजों की ‘‘फूट डालो और राज करो’’ की नीति पर चल रही हंै। यह तो परमपिता परमात्मा की कृपा है कि हमारा देश एकता और अखण्डता के सूत्र में बंधा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके आदर्शों में श्रृद्धा न रखने वाले लोग केवल अंग्रेज परस्त है। ऐसें लोगों का भरपूर विरोध होना चाहिए।
मंच के अध्यक्ष ने अपने समस्त जिलों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से गोष्ठियों के माध्यम से सामाजिक समरसता बनाये रखने एवं समाज विरोधी तत्वों को बेनकाब करने के निर्देश दिए है क्योंकि उत्तर प्रदेश मे ऐसी शक्तियां अपने प्रयास मे सफल नही होनी चाहिए जो भाई-भाई को अलग करने एवं समाज का ताना बाना तहस-नहस करने का प्रयास करें।