सिनाई में आईएस के आतंकवादी हमले मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थन में: शुजात अली क़ादरी
नई दिल्ली। मिस्र के सिनाई में इस्लामिक स्टेट के वहाबी- सलफ़ी – तकफ़ीरी आतंकवादी हमले का उद्देश्य मिस्र में कट्टरवादी अमानवीय संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थन में किए गए हैं और इस्लामिक स्टेट एवं मुस्लिम ब्रदरहुड के बीच संबंधों का परिचायक है। यह बात मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया के महासचिव इंजिनियर शुजात अली क़ादरी ने आज कही। क़ादरी ने कहाकि फ़िलस्तीन से लगती सीमा पर मिस्र के सिनाई प्रान्त में सक्रिय आईएस का मक़सद ना सिर्फ़ मिस्र बल्कि इसराइल के इशारे पर ग़ज़ा में गड़बड़ी पैदा करना रहा है। हाल ही में मुहम्मद मुर्सी की सरकार जाने के बाद कट्टरवादी अमानवीय संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड को ताक़त देने के लिए इस्लामिक स्टेट ने बुधवार को बड़ा हमला कर 60 से अधिक मिस्री सैनिकों को मार डाला और कई अन्य सैनिकों को अग़वा कर लिया।
क़ादरी ने कहाकि चूँकि मुस्लिम ब्रदरहुड और इस्लामिक स्टेट दोनों वहाबी-सलफ़ी-तकफ़ीरी विचारधारा के मानने वाले हैं और दोनों को ही क़तर से धन, हथियार और समर्थन मिलता है। हाल ही में मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता मुहम्मद बदी और मुहम्मद मुर्सी को विभिन्न अमानवीय विभत्स अपराधों में मिस्र की अदालत से फाँसी की सज़ा दिए जाने के बाद से मुस्लिम ब्रदरहुड तिलमिला गया है और इसे आतंकी समर्थन देने एवं मिस्र से बदला लेने की नीयत से बुधवार को आतंकवादी हमला किया गया। इसी कड़ी में सरकारी वकील हिशाम बरकात की इस सप्ताह हत्या कर दी गई थी। क़ादरी ने कहाकि हिशाम बरकात के पास मुस्लिम ब्रदरहुड के विरुद्ध व्यापक सुबूत थे और मुस्लिम ब्रदरहुड उनकी वजह से परेशानी महसूस कर रही थी। सिनाई में हुआ हमला भी मुस्लिम ब्रदरहुड के ख़िलाफ़ हुकूमत की कार्रवाई के बदले के रूप में की गई है। क़ादरी ने कहाकि जिस तरह सीरिया के दमिश्क में शरणार्थी फ़िलिस्तीनियों को अग़वा कर इस्लामिक स्टेट ने हत्याएं की हैं, वही लोग सिनाई पर क़ब्ज़ा कर मिस्र की ग़ज़ा तक सम्पर्क काटना चाहते हैं। क़ादरी ने इस्लामिक स्टेट को क़तर, इसराइल और अमेरिकी हितों का टट्टू बताते हुए इसे मुसलमानों और दुनिया के लिए ख़तरा बताया। उन्होंने चेताया कि इस्लामिक स्टेट के वहाबी सलफ़ी तकफ़ीरी एजेंडे पर खड़ी की गई राजनीतिक शाख़ा मुस्लिम ब्रदरहुड की भी वही विचारधारा है। जब इस्लामिक स्टेट आतंकवादी हरकतों को अंजाम देता है तो मुस्लिम ब्रदरहुड की चुप्पी इसकी निशानी है और जैसे ही कट्टर अमानवीय संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड पर मिस्र ने कार्रवाई की, इस्लामिक स्टेट ने कई मर्तबा सिनाई पर हमला किया। शुजात अली क़ादरी ने हमले की तीखी आलोचना करते हुए एक बार फिर भारत सरकार से अपील की कि वह मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकवादी संगठन घोषित करे और इस पर प्रतिबंध लगाए। साथ ही जो मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ हमदर्दी रखे, उन पर उचित क़ानूनी कार्रवाई की जाए।