पर्यावरण बचेगा तभी हम सब खुशहाल होंगे: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने पारिजात का पौधा लगाकर ‘वन महोत्सव-2015’ का शुभारम्भ किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि पर्यावरण के संरक्षण के फायदों से हम सभी परिचित हैं। पर्यावरण बचेगा तभी हम सब खुशहाल होंगे। पर्यावरण संरक्षण का सबसे सरल उपाय वृक्षारोपण है। धरती पर ‘ग्रीन कवर’ बढ़ाकर वर्तमान और भावी पीढ़ी के बेहतर जीवन की गारण्टी की जा सकती है। राज्य सरकार के प्रयास से पिछले 3 वर्षांे में प्रदेश में ‘ग्रीन कवर’ में बढ़ोत्तरी हुई है।
मुख्यमंत्री आज यहां कुकरैल (पिकनिक स्पाॅट) पर ‘पारिजात वन’ विकसित करने हेतु पारिजात का पौधा लगाकर ‘वन महोत्सव-2015’ का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पारिजात का वृक्ष हमारी धार्मिक, सांस्कृतिक परम्परा का अंग है, इसलिए लोगों का इससे भावनात्मक लगाव है। ऐसा माना जाता था कि पारिजात का वृक्ष कुछ ही स्थानों पर है। समाजवादी सरकार के प्रयासों से यह अब जगह-जगह लगाया जा रहा है। उन्होंने वृक्षारोपण कार्यक्रम में ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के पौधों यथा पारिजात, कदम, तमाल, मौलश्री, वट, पीपल आदि का रोपण करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को तारीफ भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार ने सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है। एक तरफ छात्रों को निःशुल्क लैपटाॅप मुहैया कराया गया है तो दूसरी तरफ ‘ग्रीन कवर’ बढ़ाने पर भी ध्यान दिया गया है। सरकार ‘क्लीन ग्रीन यू0पी0’ के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। समाजवादी सरकार द्वारा विकसित डाॅ0 राम मनोहर लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्क की हरियाली लखनऊ वासियों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। प्रदेश के सभी प्राणि उद्यान में सुविधाओं का विकास किया गया है। लखनऊ और कानपुर के प्राणि उद्यानों में नयी बाल ट्रेनों की व्यवस्था की गयी है।
श्री यादव ने कहा कि 1 से 7 जुलाई, 2015 तक मनाए जा रहे वन महोत्सव सप्ताह के दौरान वन विभाग 1 करोड़ पौधे लगा रहा है। वन महोत्सव जैसे कार्यक्रमों की सफलता में जन सहभागिता की बड़ी भूमिका होती है। वन महोत्सव के दौरान वन विभाग जिस प्रकार प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों, गैर सरकारी संगठनों, शिक्षण संस्थाओं और आम जन को इस कार्यक्रम से जोड़ रहा है उससे यह कार्यक्रम अवश्य ही सफल होगा। उन्होंने कहा कि पौधों के रोपण के साथ-साथ उनकी सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।