नक्सलियों से लोहा लेने वाले पुलिसकर्मियों को ज़्यादा सैलरी देगी रमन सरकार
रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेने वाले पुलिस के जवानों की तनख्वाह में 58 फीसदी का इजाफा होगा। राज्य सरकार के एक अहम निर्णय के तहत नक्सल प्रभावित इलाके बस्तर, गरियाबंद और राजनंदगांव में तैनात पुलिस कांस्टेबल, असिस्टेंट कांस्टेबलों और गुप्त सैनिकों के भत्तों में वृद्धि की जाएगी।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार, राज्य सरकार के इस फैसले से करीब 22 हजार पुलिस जवानों को सैलरी में वृद्धि का लाभ मिलेगा। वेतन में बढ़ोत्तरी के बाद असिस्टेंट कांस्टेबलों को 8,990 की बजाय 14,144 रुपए तनख्वाह में मिलेंगे। इसके साथ ही वह अन्य पुलिसकर्मियों की तरह उन्हें भी 25 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर मिलेगा। इससे सरकारी ख़ज़ाने पर सालाना 121 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
मंगलवार को मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, राज्य में नक्सल एक बड़ी समस्या है, खासतौर पर बक्सर क्षेत्र में। नक्सलियों से पल-पल लोहा लेने वाले हमारे जवानों को मौद्रिक समर्थन और लाभ मिलना चाहिए।
अधिकारियों के मुताबिक, कैबिनेट के निर्णय के अनुसार बस्तर में तैनात राज्य की पुलिस फोर्स का राशन भत्ता 650 रुपए से बढ़ाकर 2,650 रुपए कर दिया गया है। पिछले नौ सालों में राशन भत्ते में की गई यह पहली वृद्धि है।
एसटीएफ के लिए राशन भत्ता 1,200 से बढ़ाकर 2,200 रुपए किया गया है। साथ ही कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया है कि नक्सली इलाकों के लिए भत्तों को सभी तीनों श्रेणियों में बढ़ाया जाएगा।
अति संवेदनशील इलाकों में तैनात जवानों की बेसिक सैलरी में 50 प्रतिशत, संवेदनशील इलाकों में 35 फीसदी और सामान्य प्रभावित इलाकों के लिए मूल वेतन में 15 फीसदी होगी। यह राशि वर्ष 2018-19 तक लागू रहेगी जबकि इसके बाद आगे के निर्णय के लिए 31 मार्च 2019 को एक रिव्यू मीटिंग की जाएगी।