डीजीपी बयान देने की औपचारिकता न निभाएं, करवाई भी करें: आज़म
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आजम खां ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये सांप्रदायिक उन्माद भड़काने वालों पर कार्रवाई न करना सरकार की साख को नुकसान है।
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट कर भावनाओं की आहत करने और उन्माद फैलाने वालों पर खिलाफ गुंडा एक्ट व एनएसए लगाने केडीजीपी अरविंद जैन के निर्देश पर आजम ने प्रतिक्रिया की कि यह निर्देश भी कहीं सिर्फ औपचारिकता बनकर न रह जाए। पूर्व में भी ऐसी आपराधिक प्रवृत्ति पर चिंता के बावजूद पुलिस ने उसे गंभीरता नहीं लिया। कई बार तो अपराधियों को पुलिस के हवाले किया गया, तब भी उसकी भूमिका अच्छी नहीं रही। फैजाबाद व सहारनपुर के मामलों से पश्चिम से पूरब तक हालात न बिगड़े, इसके लिए डीजीपी बयान देने की औपचारिकता न निभाएं। केवल वक्तव्य अपराधियों की हिम्मत बढ़ाते हैं। आजम ने नसीहत देने के अंदाज में कहा कि एनएसए का जिक्र करते समय स्थितियों को गंभीरता से समझा जाए। ऐसे प्रकरणों में अगर कार्रवाई में शिथिलता बरती जा रही है तो उसे दुरुस्त करना पुलिस के बड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
ध्यान रहे, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियों-पोस्टों के चलते फैजाबाद, सहारनपुर में तनाव के बाद डीजीपी ने एसपी-एसएसपी, डीआइजी रेंज और आइजी जोन को भेजे गए परिपत्र में कहा था कि ऑनलाइन दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में सख्ती नहीं बरती जा रही है। इस पर नियंत्रण के साथ ऐसे तत्वों पर गुंडा एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए।