आखिर यूपी में कब तक असुरक्षित रहेंगी बहन-बेटियां: डा0 चन्द्रमोहन
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बहराइच में सरे बाजार छेडखानी का शिकार हुईं बहादुर बहनों ने जिसतरह हिम्मत दिखाकर शोहदों को सबक सिखाया वह काबिलेतारीफ है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर अखिलेश सरकार के गुंडाराज में बहन-बेटियों की सुरक्षा के सवाल को गंभीर बना दिया है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि बहराइच घटना से एक दिन पहले 15 जून को कानपुर के बर्रा इलाके में छेड़छाड़ का विरोध करने पर शोहदों ने एक राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी और उसकी मां को बेरहमी से पीटा था। इस हमले में खिलाड़ी की नाक की हड्डी टूट गई थी। पुलिस ने असंज्ञेय अपराध में मुकदमा दर्ज कर पीडि़ता को टरका दिया था।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इसके अलावा लखनऊ के अलीगंज इलाके में बोरे में मिले युवती के क्षतविक्षत शव ने भी महिला अपराधों को रोकने के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दावों की पोल खोल कर रख दी है। पूरे प्रदेश की महिलाएं सपा सरकार के राज में खौफ के साए में जी रही हैं। घर से निकलने वाली युवतियों को हर वक्त किसी न किसी अनहोनी की आशंका सताती रहती है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ‘वूमेन पॉवर लाइन-1090’ को लेकर बार-बार अपी सरकार की पीठ थपथपा कर महिला सुरक्षा को लेकर अपनी कमियों को छिपाने का प्रयास करते हैं लेकिन यह पॉवर लाइन उनके चहेते अफसरों की सैरगाह से ज्यादा नहीं है। लगातार ऐसे मौके आ रहे हैं जब इस पॉवर लाइन को फोन करने के बाद भी महिलाओं को राहत नहीं मिली। अखबारों में ऐसी पीडि़त युवतियों का समाचार प्रकाशित होने के बाद भी मुख्यमंत्री मंत्री ने एक बार भी पॉवर लाइन के अफसरों से जवाब-तलब नहीं किया है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इतना ही नहीं पिछले वर्ष सितंबर में गठित हुए महिला सम्मान प्रकोष्ठ में अबतक स्थाई कर्मचारियों की तैनाती ही नहीं हो पाई है। प्रकोष्ठ के अधिकारियों को सरकार ने कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं दिया है। इससे शिकायत करने वाली महिलाओं को कोई राहत नहीं मिल पाती।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार की नाकामी की वजह से महिलाएं अपनी रक्षा के लिए स्वयं ही अपराधियों से निपटने लगी हैं। मुख्यमंत्री की नाकामी महिलाओं पर भारी पड़ रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बताएं कि आखिर कबतक प्रदेश की बहन-बेटियां अपराधों का शिकार होती रहेंगी ? कब मुख्यमंत्री की आवाज में ‘दम’ आएगा और उनके आदेशों का पुलिस अधिकारी सख्ती से पालन करेंगे?