प्रदेश में बनेगा एग्रीकल्चरल मार्केटिंग हब
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कृषकों को उनकी उपज के क्रय-विक्रय हेतु 100 वर्ग किमी0 क्षेत्रफल अर्थात प्रत्येक 10 किमी0 के अन्तराल पर एक मण्डी स्थल उपलब्ध कराये जाने के नीतिगत निर्णय के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में कुल 2015 ए0एम0एच0 का निर्माण कराये जाने का निर्णय लिया गया है। अब तक 1124 हब का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्त योजना वर्ष 2011-12 से आरम्भ होकर आगामी 04 वर्षों के लिए है। प्रारम्भिक 03 वर्षों में 2011-12, 2012-13, 2013-14 में प्रत्येक वर्ष 526 एवं अन्तिम 2014-15 में 527 नग ए0एम0एच0 का निर्माण कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना के तहत ए0एम0एच0 के निर्माण हेतु भूमि की व्यवस्था निःशुल्क की जानी है और इनके निर्माण के मद में 13वें वित्त आयोग द्वारा अनुमोदित कुल रुपये 354.00 करोड़ रुपये की सहायता राशि अनुमोदित करते हुए वित्तीय वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 के लिए रुपये 88.50 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है और अवशेष धनराशि इसी दर से प्रति वर्ष उपलब्ध करायी जा रही है।
प्रदेश सरकार ने प्रत्येक एग्रीकल्चरल मार्केटिंग हब (ए0एम0एच0) में भूमि की उपलब्धता के अनुसार 10 नग ‘सी’ टाइप की दुकाने, एक नग छायादार नीलामी चबूतरा, 02 नग इण्डिया मार्क-2 हैण्डपम्प, खडं़जा आदि विकास कार्य के साथ ही विद्युतीकरण का कार्य प्राविधानित है, जिन पर आने वाली औसतन लागत रुपये 45-45 लाख में से रुपये 16.81 लाख तेरहवें वित्त आयोग से एवं शेष मण्डी परिषद द्वारा वित्त पोषित हैं। अब तक 1124 ए0एम0एच0 का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है तथा उनका संचालन करने की कार्यवाही की जा रही है।