अंतिम वनडे में सम्मान बचाने उतरेगी टीम इंडिया
मीरपुर : बांग्लादेश के खिलाफ पहली बार श्रृंखला गंवाने के बाद मुश्किलों में घिरी भारतीय टीम कल यहां तीसरे और अंतिम एकदिवसीय मैच में जीत के साथ प्रतिष्ठा बचाने के अलावा मेजबान को क्लीनस्वीप करने से रोकने के इरादे से उतरेगी।
पहले दो वनडे मैचों हार के साथ 0-2 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जोर देकर कहा है कि मौजूदा टीम सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध खिलाड़ी हैं।
पहले मैच में 79 रन की शिकस्त के बाद दूसरे मैच में भी टीम इंडिया को छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा था और इन दोनों ही मैचों में मेजबान टीम ने हर विभाग में भारत से बेहतर प्रदर्शन किया था।
भारतीय टीम अब अंतिम मैच में जीत के साथ अपनी प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश करेगी क्योंकि वाइटवाश उस टीम के लिए शर्मनाक स्थिति होगी तो इस साल विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंची थी।
आत्मविश्वास से लबरेज बांग्लादेश को हराने के लिए भारत को अपनी खामियों को दूर करना होगा। टीम के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज अच्छी फार्म में नहीं हैं लेकिन मध्य क्रम के बल्लेबाज अच्छी साझेदारियां करने में नाकाम रहे हैं।
उमेश यादव और मोहित शर्मा जैसे गेंदबाज बांग्लादेश की पिचों पर रन गति पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे हैं। यहां तक कि स्पिनर अक्षर पटेल और रविंद्र जडेजा भी प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं। दूसरी तरफ बांग्लादेश ने खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया है और ये नतीजे विश्व क्रिकेट में उसके बढ़ते रूतबे का संकेत हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ हाल में तीन मैचों की श्रृंखला में वाइटवाश करने के बाद मशरेफ मुर्तजा की अगुआई वाली टीम भारत के खिलाफ भी यही नतीजा हासिल करने की कोशिश करेगी। बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने दोनों मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया। पहले मैच में टीम ने 307 रन बनाए थे। इसके अलावा टीम को गेंदबाजी में भी नया हीरो मुस्तफिजुर रहमान मिल गया है।
बायें हाथ के इस युवा तेज गेंदबाज ने अपने पहले दोनों मैचों में पांच विकेट चटकाकर ना सिर्फ इतिहास रचा बल्कि भारतीय बल्लेबाजों के आत्मविश्वास को भी चोट पहुंचाई। कल होने वाले मुकाबले में आंकड़े भले ही भारत के पक्ष में हैं लेकिन फार्म में आधार पर बांग्लादेश क्लीनस्वीप का प्रबल दावेदार है।
मुर्तजा ने हालांकि कहा कि उनकी टीम क्लीनस्वीप करने का गैरजरूरी दबाव अपने उपर नहीं ले रही है। उन्होंने कहा, कोई दबाव नहीं है। मैच से पहले किसी ने हमारे से नहीं कहा था कि हम 2-0 से श्रृंखला जीतेंगे। भारत ने भी कहा है कि हमारे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं है इसलिए हम मैदान पर उतरकर सिर्फ अपने खेल का लुत्फ उठाएंगे। दूसरी तरफ धोनी ने कहा कि यह सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध खिलाड़ी है लेकिन वह हालात से सामंजस्य नहीं बैठा पाए हैं। धोनी ने रविवार को छह विकेट की हार के बाद कहा, यह हमारे पास खिलाड़ियों का सर्वश्रेष्ठ समूह है।
धोनी ने कहा, इस इस बारे में सोचना होगा कि अगर हम उपमहाद्वीप में खेल रहे हैं तो हम अतिरिक्त स्पिनर के साथ उतरना चाहते हैं या नहीं। क्या हम तेज गेंदबाज चाहते हैं जो तेज गति से दो गेंदबाजी करता हो लेकिन जिसकी लाइन और लेंथ सही नहीं हो। भारतीय कप्तान ने कहा, अगर आप भुवी (भुवनेश्वर कुमार) को देखो तो वह काफी तेज गति से गेंदबाजी नहीं करता लेकिन इसके बावजूद जब बल्लेबाज तेज गति से रन बना रहे हों तो भी वह रन गति पर अंकुश लगा लेता है। एकमात्र समस्या यह है कि अगर वह विकेट नहीं चटकाता है तो अन्य गेंदबाज इतने प्रभावी नहीं हैं लेकिन वे अपनी गेंदबाजी के साथ बच निकलें। कुल मिलाकर आपको यह देखना होगा कि सर्वश्रेष्ठ संतुलन क्या है और इसी के अनुसार आगे बढ़ना होगा।