ओबामा ने माना, अमेरिका में नस्लवाद की जड़ें बहुत गहरी
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा नस्लवाद पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह देश (अमेरिका) के डीएनए में है। उन्होंने कहा, अमेरिका अपनी नस्लीय मानसिकता से अभी तक नहीं उबरा है। देश में नस्लवाद का इतिहास रहा है। यहां नस्लवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं।
ओबामा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि नस्लवाद को हम अभी तक खत्म नहीं कर पाए हैं। उन्होंने चार्ल्सटन में अश्र्वेतों के ऐतिहासिक चर्च में गोलीबारी की घटना को लेकर यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ इसका मामला नहीं है कि किसी को सार्वजनिक तौर पर नीग्रो कहा गया।
ओबामा ने कहा कि अश्र्वेतों के प्रति सार्वजनिक तौर पर विनम्र होना या प्रत्यक्ष भेदभाव नहीं करना नस्लीय भेदभाव को मापने का पैमाना नहीं है। 200 से 300 साल पहले जो हुआ उसे रातोंरात नहीं बदला जा सकता। यह अभी भी हमारे डीएनए में है। यह खुलेआम भेदभाव का मामला भी नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां पर सवाल यह है कि हम अपनी सामान्य परंपराओं के जरिए एक ऐसा माध्यम तैयार करें जो 21 साल के बच्चे को कुछ गलत करने से रोके।
ओबामा ने कहा कि हालांकि अमेरिका में नस्लवाद को लेकर नजरिए में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। उन्होंने अपना हवाला देते हुए कहा कि मैं एक श्वेत मां और अश्वेत पिता की संतान हूं और इस बदलाव को महसूस कर रहा हूं। पूरा बदलाव आने में समय लगेगा। राष्ट्रपति ने साक्षात्कार में बंदूक पर नियंत्रण की भी वकालत की।
गौरतलब है कि 18 जून को 21 साल के श्र्वेत युवक डायलन रूफ ने चार्ल्सटन के चर्च में गोलीबारी कर नौ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। पूछताछ में उसने कबूला था कि वह इस हमले की कई महीनों से तैयारी कर रहा था और अमेरिका में नस्लीय हिंसा भड़काना चाहता था। जिस बंदूक से उसने घटना को अंजाम दिया था वह उसे पिता ने जन्मदिन पर उपहार में दिया था।