धोनी को खेल रही है डंकन फ्लेचर की कमी
मीरपुर : कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का कहना है टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर ध्यान देने वाले बहुत लोग है इसलिए अगर कोच का पद कुछ समय के लिये खाली भी रह जाए तो चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि यह इससे तो अच्छा है कि इस पद को भरने के लिये किसी को भी नियुक्त कर दिया जाए।
विश्व कप के बाद डंकन फ्लेचर के जाने के साथ ही कोच पद को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं। कप्तान धोनी का कहना है कि जिम्बाब्वे के इस कोच का भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अहम योगदान है।
बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला गंवा देने के बाद यह पूछने पर क्या टीम की हार का एक कारण कोच का नहीं होना हो सकता है, धोनी ने जवाब दिया, इसका मतलब है कि आप डंकन की कमी महसूस कर रहे हैं। धोनी ने कहा, मुझे लगता है कि वो एक ऐसा इंसान था जिसको मीडिया ने कभी ज्यादा पसंद नहीं किया जबकि उन्होंने टीम के साथ बहुत ज्यादा मेहनत की। वह टीम के साथ बहुत लंबे समय तक रहे। उनके समय में काफी कठिन दौरे मिले। कप्तान ने कहा कि टीम की हार के लिये सहायक स्टाफ को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, यह व्यक्ति के उपर निर्भर है कि वह जरूरत के हिसाब से क्या रणनीति अपनाता है।
धोनी बांग्लादेश से तीन एक दिवसीय मैचों श्रृंखला 0-2 गंवाने बाद कल रात संवाददातओं से बात कर रहे है थे उन्होंने कहा, अगर आप लोग परोक्ष रूप से यह संकेत देना चाह रहे हैं कि हमें कोच की जरूरत है हमारे पास काफी स्पोर्टिंग स्टाफ है जो खिलाड़ियों का ध्यान रख सकते हैं। अगर कोच का पद कुछ समय के लिये खाली भी रहे तो कोई बात नहीं लेकिन ऐसे ही किसी को भी इस पद लाना ठीक नहीं है लंबे समय बाद इसका बुरा असर पड सकता है। इस तरह के फैसलों के लिये थोडा समय लगता है।
टीम इंडिया को भले ही बांग्लादेश ने प्रत्येक विभाग में पछाड दिया हो लेकिन कप्तान धोनी अपने खिलाड़ियों का बचाव करते हुए कहा, हमारे पास सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की टीम है। कप्तान धोनी ने अपने चौथे स्थान पर बल्लेबाज करने आने के बारे में कहा कि वह चौथे क्रम पर आकर ज्यादा मुक्त हो कर खेलना चाहते थे। धोनी पिछले चार या पांच साल से वह छठे स्थान पर बल्लेबाजी करते आ रहे हैं उनका मानना है कि इस क्रम पर खेलने से थोडा दबाव बना रहता है और मुक्त होकर नहीं खेल पाते। धोनी ने 47 रन बनाये लेकिन जब वह जम कर बल्लेबाजी करना शुरू करने लगे तो टीम के विकेट लगातार गिरने लगे।