बिजली मूल्य वृद्धि की कांग्रेस ने की निंदा
लखनऊ: किसानों को मुफ्त बिजली और पानी देने का वादा देकर सत्ता में आने के बाद सपा की प्रदेश सरकार द्वारा तीन वर्ष में ही चार-चार बार विद्युत मूल्यों में की गयी बढ़ोत्तरी से यह साफ हो गया है कि प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार पूरी तरह जनविरोधी और किसान विरोधी है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने कहा कि पूरे प्रदेश में इस समय भीषण गर्मी में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की जनता बिजली कटौती से त्रस्त है। आये दिन बिजली आपूर्ति को लेकर जनता सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रही है वहीं किसानों को सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिल रही है जिससे खरीफ की फसल बर्बाद होने के कगार पर है और उ0प्र0 नियामक आयोग द्वारा लिये गये विद्युत मूल्य की बेतहाशा वृद्धि करने के निर्णय से प्रदेश के सभी स्तरों के उपभोक्ताओं को बिजली की दोहरी मार झेलनी पडे़गी।
राज्य सरकार जहां लाइन लास को रोकने एवं अनुरक्षण करने वं बड़े-बड़े बकायेदारों से वसूली करने में विफल साबित हुई है वहीं अपनी इस अक्षमता को छिपाने के लिए विद्युत मूल्य में बार-बार वृद्धि कर घरेलू एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर बोझ डाल रही है। सस्ती बिजली खरीदने के विकल्प को न अपनाकर अपने निजी स्वार्थों के लिए मंहगी बिजली खरीदना भी राज्य सरकार का जनविरोधी कदम है।
श्री मदान ने कहा कि एक ओर जहां समय से विद्युत आपूर्ति नहीं की जा रही है वहीं दूसरी तरफ हर स्तर पर लगभग 17 प्रतिशत बिजली के मूल्यों में वृद्धि करने का प्रदेश सरकार के इशारे पर नियामक आयोग द्वारा जो निर्णय लिया गया है कंाग्रेस पार्टी इसकी कड़ी निन्दा करती है तथा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि अपनी अक्षमताओं को छिपाने के लिए आम जनता पर विद्युत मूल्य बढ़ोत्तरी करने का निर्णय तत्काल वापस लें। यदि विद्युत मूल्य में बढ़ोत्तरी का निर्णय वापस नहीं लिया जाता है तो कंाग्रेस पार्टी संघर्ष करने के लिए विवश होगी।