2012 के बाद खनन पट्टों की नवीनीकरण की अर्जियां रद्द
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 31 मई, 2012 के बाद खनन पट्टों की नवीनीकरण अर्जियों को रद कर दिया है। साथ ही इस तारीख के बाद दिए गए पट्टों पर रोक लगाते हुए फतेहपुर के ठेकेदार महेंद्र सिंह परिहार को बालू खनन की अनुमति न देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मई से पहले के पट्टों पर काम होगा किंतु अवधि पूरी होने के बाद पट्टों का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
खनन पट्टों को लेकर विभिन्न न्यायपीठों के फैसलों से उत्पन्न भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए खण्डपीठ ने जुलाई के पहले हफ्ते में विशेष पीठ गठित करने का आदेश दिया है। साथ ही मुख्य न्यायाधीश से सभी याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ गठित करने का अनुरोध किया है। विशेष पीठ खनन पट्टा विवाद को अंतिम रूप से समाप्त करने के लिए लखनऊ पीठ व इलाहाबाद की प्रधान पीठ दोनों के समक्ष दाखिल याचिकाओं का निस्तारण करेगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन तथा न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खण्डपीठ ने फतेहपुर के ओम प्रकाश की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदीप कुमार बनाम हरियाणा राज्य केस में खनन की गाइड लाइन तय कर दी है। राज्य सरकार ने 31 मई 12 को शासनादेश भी जारी किया है। इसके बावजूद प्रदेश के अधिकारी मनमानी कार्यवाही कर रहे हैं। कोर्ट ने याची को एक मई 12 को मिले पट्टे पर कहा है कि यह आदेश उस पर लागू नहीं होगा किंतु आगे चलकर नवीनीकरण नहीं होगा।