ललित मोदी विवाद पर अकेले पड़ गयीं वसुंधरा
नई दिल्ली: आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ट्रैवेल वीजा मामले में विदेश मंत्री सुषमा के समर्थन में मुस्तैदी से बीजेपी और केंद्र सरकार खड़ी है लेकिन राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को वैसा समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है। अखबारों और टीवी चैनलों की रिपोर्ट के मुताबिक वसुंधरा राजे को पार्टी के दिग्गज नेताओं ने इस मसले पर कुछ भी बोलने से बचने की सलाह दी है।
ललित मोदी को बचाने के मामले में जहां एक तरफ सरकार और पार्टी ने इसे मानवीयता के आधार पर लिया गया फैसला बताते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का खुल कर बचाव किया है, वहीं वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ मामले पर सरकार की राय अलग है। सिंधिया के खिलाफ जिस तरह से दस्तावेज सामने आये हैं, उसके बाद सरकार को इस मामले में सफाई देना मुश्किल हो गया है। जब पत्रकारों ने रविशंकर प्रसाद से वसुंधरा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इस मामले में मुझे तथ्यों की जानकारी लेनी होगी। वसुंधरा राजे सिंधिया और उनकी सरकार इस मामले पर सफाई देंगे।
मालूम हो कि दिग्गज भाजपा नेताओं सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे द्वारा पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी की मदद के मुद्दे पर उठा विवाद तब और गहरा गया जब इन लोगों के साथ करीबी रिश्तों का पूर्व आईपीएल कमिश्नर का दावा सामने आया। उधर कांग्रेस ने दोनों को उनके पदों से हटाने की मांग तेज कर दी है।
सरकार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बचाव किया लेकिन राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा के मामले में सरकार ज्यादा सतर्क दिखी जब संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वे ललित मोदी की आव्रजन अर्जी पर वसुंधरा द्वारा उनकी कथित मदद के संबंध में ब्यौरे का इंतजार करेंगे। नरेंद्र मोदी सरकार के लिए दिक्कतें और बढ़ गयीं जब एक टीवी साक्षात्कार में पूर्व आईपीएल कमिश्नर का यह विस्फोटक दावा सामने आया कि वसुंधरा ने ब्रिटेन में उनकी आव्रजन अर्जी लिखने में सहयोग किया था और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ उनके पारिवारिक रिश्ते हैं जिनके पति और बेटी ने उन्हें मुफ्त में कानूनी सेवाएं दीं।
ललित मोदी ने यह भी कहा कि दो साल पहले जब उनकी पत्नी कैंसर के इलाज के लिए पुर्तगाल गयीं थीं तो वसुंधरा उनके साथ थीं। वसुंधरा राजे दिसंबर 2013 में दूसरी बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनी थीं। वसुंधरा राजे की समस्या इन खबरों से और बढ़ गयी कि ललित मोदी ने 2008 में उनके बेटे दुष्यंत की एक कंपनी में 11.63 करोड़ रपये का निवेश किया था।