आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बनेगा लाॅजिस्टिक पार्क
लखनऊ: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर लाॅजिस्टिक पार्क स्थापित किया जाएगा। यह पार्क जनपद फिरोजाबाद में भदान रेलवे स्टेशन के समीपवर्ती इलाके में विकसित किया जाएगा। 150 से 200 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया जाने वाला यह लाॅजिस्टिक पार्क देश के सबसे बड़े लाॅजिस्टिक पार्काें में से एक होगा।
यह जानकारी देते हुए आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, डेडिकेटेड फ्रीट काॅरिडोर (दिल्ली-हावड़ा) से भी गुजरेगा। एक्सप्रेस-वे इस रेलवे लाइन को फिरोजाबाद जिले के भदान रेलवे स्टेशन के पास क्रास करेगा। इस स्थल से एन0एच0-2 (दिल्ली, आगरा, कानपुर, इलाहाबाद रूट) केवल 06 किमी0 की दूरी पर स्थित है। इस प्रकार यह क्षेत्र रेल व सड़क यातायात के माध्यम से पश्चिम, मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश से जुड़ा हुआ है। इसके मद्देनजर यह क्षेत्र लाॅजिस्टिक पार्क की स्थापना के लिए उपयुक्त है।
प्रवक्ता ने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 10 प्रमुख जिलों से गुजरेगा, जिनमें एक ओर जहां लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, कन्नौज, फिरोजाबाद व आगरा जैसे औद्योगिक जनपद शामिल हैं, वहीं दूसरी ओर इटावा, मैनपुरी, औरय्या जैसे कृषि उत्पादक जिले भी सम्मिलित हैं। लाॅजिस्टिक पार्क की स्थापना से इन जिलों के उत्पादों को दूर-दराज के क्षेत्रों में आसानी से पहुंचाया जा सकेगा तथा इन जनपदों के कारीगरों को अपने कौशल व किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। इस प्रकार यह लाॅजिस्टिक पार्क प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि लाॅजिस्टिक का तात्पर्य किसी भी तरह के माल को उसके तैयार होने वाली जगह से उसके अन्तिम विक्रय बिन्दु तक पहुंचाने का प्रबन्धन है, जिसमें सूचना, ट्रांसपोर्टेशन, वेयर हाउसिंग, माल के प्रबन्धन, पैकिंग, इन्वेन्ट्री आदि समस्त प्रक्रिया सम्मिलित रहती है। इसके मद्देनजर लाॅजिस्टिक पार्क की स्थापना हेतु व्यापक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क से युक्त फिरोजाबाद जनपद का भदान रेलवे स्टेशन के आसपास का क्षेत्र लाॅजिस्टिक पार्क के विकास हेतु उपयुक्त है।
प्रवक्ता ने बताया कि विदेशों में लाॅजिस्टिक पार्काें की वृहद स्तर पर स्थापना हुई है, किन्तु देश में इस तरह का निर्माण एवं विकास लगभग 10 वर्ष पहले ही प्रारम्भ हुआ है। वर्तमान में गुजरात, कर्नाटक, केरल, हरियाणा आदि राज्यों में कुछ परियोजनाएं क्रियान्वित हैं। किन्तु प्रदेश में अभी तक इस तरह की कोई भी परियोजना क्रियान्वित नहीं है।